हनुमान जी का त्रिकालदर्शी मंत्र – हनुमान जी की भूत-भविष्य-वर्तमान जानने की साधना
➡️ परिचय
हनुमान जी का त्रिकालदर्शी मंत्र – हनुमान जी की भूत-भविष्य-वर्तमान जानने की साधना गुरु मंत्र साधना डॉटकॉम 🙏 सागरनाथ जी और आबू जी की गुरु मंत्र साधना.com वेबसाइट में आपका फिर से स्वागत है। राम राम सबसे पहले सबको। राम राम जी। जय माता की भाई। जय माता दी। हाँ जी। आज आप हमें बताने वाले हैं हनुमान जी के भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना। जी।
क्योंकि यह जो साधना करवाने का उद्देश्य यह है क्योंकि बहुत सारे लोग बोलते थे कि हमें कर्म पिशाच नहीं हम कर सकते या और कोई थर्ड पार्टी साधना हम नहीं कर सकते क्योंकि इसका नेगेटिव प्रभाव है, यह है वो है, तो इसीलिए ही हम दैविक साधना लेकर आए हैं।
तो हाँ जी सागरनाथ जी, आप बताएँ इसके फायदे क्या हैं और हर व्यक्ति को यह साधना करनी चाहिए मेरे हिसाब से, क्योंकि हर व्यक्ति को ही एक सच्चे मार्गदर्शन की ज़रूरत है। जी बिल्कुल। अब मैं मुद्दे की बात पे आता हूँ। इस साधना का नाम है हनुमान वीर चलाना यानी कि साबरी वीर की हजरात।
➡️ हनुमान जी का त्रिकालदर्शी मंत्र का स्वरूप और लाभ
हजरात जिसको बोला जाता है, जैसे हजरात का मतलब है बच्चे को बिठा के नाखून पे देखा जाता है या बच्चे से पूछा जाता है, लेकिन इस हजरात का ये फायदा है, इस हजरात को आप अपने ऊपर सीधा लगाओगे, मतलब बंदे के ऊपर ही वो लगेगा, बच्चे की भी ज़रूरत नहीं है।
ज़रूरत नहीं। साधक अपने ऊपर खुद लगाएगा और वो सब साधक को ही बताएँगे भूत भविष्य वर्तमान। बिल्कुल। ठीक है। और इस साधना का और क्या-क्या फायदा है? मैं अब बताता हूँ। ये साधना, ये ज़्यादातर पहलवान लोग करते हैं।
जो पहलवान होते हैं ना, दंगल, कुश्ती पहलवान, जो कुश्ती वगैरह करते हैं। कुश्ती करते हैं। बिल्कुल बिल्कुल। मान लो जैसे आपको पचास-साठ आदमियों ने भी घेर लिया है। उनको भी आप अस्त-व्यस्त कर दोगे। ये ऐसी साधना है। अच्छा जी।
अब मैं आपको मंत्र पे आता हूँ। आपको बताता हूँ। नहीं, अभी थोड़ा सा और हमें जानकारी साधकों को चाहिए होंगी ना, तो उसके रिलेटेड मैं और जानना, मतलब साधकों की ही जिज्ञासा मैं आपके सामने रखूँगा, क्योंकि फिर ये लोग ना कमेंट भर देंगे और मैसेज करके पूछते हैं, “ये क्या फायदे हैं और क्या फायदा?” हाँ, फायदे बताता हूँ।
सबसे पहले तो इनके फायदे पहले आप बताइए खुल के, तभी कोई इंटरेस्ट पैदा होता साधक का। जी जी जी। मैं फायदों की बात करता हूँ। इससे क्या होता है?
आप किसी भी शक्ति को हाज़िर कर सकते हो। चाहे वह भूत है, पिशाच है। जैसे उसको पकड़ के लाने के लिए बोलोगे, यह पकड़ के ले आएगी। जिसके ऊपर मान लो किसी के ऊपर भूत की सवारी लानी है। जैसे आपने इसको सिद्ध कर लिया, बैठे हो।
जिसको भूत चढ़ेलाता है जो दुखी करता है, वो उसको सामने बिठाओ। पानी पढ़ो, पानी के ऊपर ये अपनी हजरात का मंत्र पढ़ो। उसके छींटा लगाओ, वो भूत हाज़िर हो जाएगा।
➡️ भूत-प्रेत भगाने की विधि एवं हनुमान जी से संवाद
आगे नहीं, मेरा एक सवाल है जी। इसमें क्या वो भूत बोलेगा या हनुमान जी बताएँगे? नहीं, हनुमान जी तो आपके ऊपर होंगे ना हजरात में। अच्छा अच्छा। जो रोगी होगा ना भूत-चुड़ैल से ग्रस्त, उसके ऊपर बोलेगा वो भूत बोलेगा जो भी उसको प्रॉब्लम होगी।
एक छोटा सा सवाल मेरा ये है जी, ये जानना चाहता हूँ, जैसे हनुमान जी की बंदे की बॉडी के ऊपर आएँगे, तो कैसे आएँगे वो और बंदे को क्या महसूस होगा? शरीर में भारीपन आएगा। भारीपन आएगा। उसकी बॉडी वाइब्रेट होने लग जाएगी, जैसे अंदर एक करंट चल रहा है ना? हम्म। ऐसा उसको फील होगा पूरी तरह।
तो उसको गुस्सा-गुस्सा आ जाएगा ज़्यादा बैठे-बैठे। गुस्सा आ जाएगा। दूसरी चीज़ मैं एक चीज़ और पूछना चाहूँगा। जैसे उस सवालों के जवाब हैं, तो फिर उसको कैसे पता चलेंगे? दिमाग में आएँगे या कान में बताएँगे? कैसे होगा ये? उनके मन में बताएँगे।
दिमाग में नहीं, उसके मन में बताएँगे। मतलब मन में ही वो बातें चलनी शुरू हो जाएँगी। उसी समय जैसे अपनी गद्दी पे बैठेगा ना सिद्ध करने के बाद, जैसे उसके सामने किसी शख़्स को बिठा, वो पूछने आया है कि मेरे घर में क्या चल रहा है? मेरे क्या प्रॉब्लम है?
साधक बैठे, उनको याद करें। उसी समय मंत्र का ध्यान करें, मंत्र जाप करें। उसके मन में सवाल आने शुरू हो जाएँगे। “इसको इसके घर में ये प्रॉब्लम है। ये लड़का इस काम के लिए आया है। इसकी रुकावट ऐसे दूर होगी।” बिल्कुल बिल्कुल। रुकावट का हल भी बता देंगे। अच्छा जी।
ठीक है। मैं अब इसके और फायदे बता देता हूँ। मान लो आपके घर में पितृ दोष है। यह वो भी तक बता देंगे कि आपके घर में पितृ दोष है। इसको सही कैसे करना है।
क्या मतलब कि भोग देना है। क्या इनकी पूजा-विचारी है? वो भी बता देंगे। या आपका देवता कोपी है। कुल देवता कोपी है। ठीक है? या किसी ने देवते को छोड़ रखा है, चढ़ाई कर रखी है आपके घर पे। वे भी हनुमान जी साधक को बता देंगे कि “यह प्रॉब्लम तेरे घर में चल रही है।”
➡️ हनुमान जी की भूत-भविष्य-वर्तमान जानने की साधना की अवधि, विधि और मंत्र
यह तो संन्यासी, ब्रह्मचारी और गृहस्थ सभी कर सकते हैं। लेकिन करने के लिए उनके पास कितना थोड़ा सा टाइम होना चाहिए? कितना? दो दिन का या सात दिन का? बड़े साधक तो इसको दो दिन में भी कर सकते हैं। अच्छा, ये इतने कम समय की साधना है। जी।
बिल्कुल बिल्कुल। यही तो लोग ज़्यादातर माँगते हैं कि हमें 2 दिन, 5 दिन, 7 दिन की ही चाहिए। 40 दिन का ज़्यादा तो ज़्यादा दो दिन, उससे ज़्यादा सात दिन बस। और इसमें अच्छा, अब विधि-विधान क्या रहेगा? मैं बताता हूँ। दो लड्डू लगेंगे, मीठा पान लगेगा, मूँगे की माला होगी, तिल का आप दीपक लगाएँगे। 21 माला करनी है एक दिन में। 21 माला करनी है।
चौकी पर बैठ के। आसन होगा लाल रंग का। वस्त्र होंगे लाल रंग के। ये होगा कंपलसरी। ओके ओके ओके। ठीक है। ओके ओके। मैं मंत्र बताता हूँ। व्रत रखना कि नहीं रखना, ये आपके ऊपर डिपेंड है। मंगलवार का, जैसे आपको अच्छा लगे। बिल्कुल ठीक है।
मंत्र है हज़रत का मंत्र है जो हम अपनी गुरुगद्दी के साथ चलाते हैं, हम आपको बता देते हैं। अगर हम नहीं मंत्र बताएँगे, तो आपका भला कैसे होगा? बिल्कुल बिल्कुल। अब ये चीज़ें लुप्त हो जाएँगी, तो यही उद्देश्य है हमारा। मैं ये चाहता हूँ कि ये चीज़ें लुप्त ना हों।
मंत्र लुप्त ना हों। ये जागृत रहें। साधक अच्छे लेवल पर पहुँचे और दुनिया का भला कर पाएँ। बिल्कुल बिल्कुल। मंत्र जो आपने कहीं पे सुना नहीं होगा, मैं बता देता हूँ। इसका मालिक मैं खुद ही हूँ। ठीक है। बिल्कुल बिल्कुल।
हनुमान जी का त्रिकालदर्शी मंत्र – हनुमान जी की भूत-भविष्य-वर्तमान जानने की साधना
ॐ बाबा हनुमान शेर जवान चले मंत्र फुरे वाचा देखा तेरी इल्म हाजरी दा तमाशा
में विधि भी डाल दूँगा, मंत्र भी डाल दूँगा। इसको चलाना कैसे, यह भी बता दूँगा। बस ये इतना सा है। इतना छोटा सा मंत्र और कितना बड़ा प्रभाव! जी जी। आप कुछ भी हनुमान जी से पूछ सकते हो। हाँ, दोबारा रिपीट कर देंगे मंत्र एक बार? जी, मैं बोल देता हूँ। एक बार फिर से बोल देता हूँ आपके चैनल पे।
“ओम बाबा हनुमान शेर जवान, चले मंत्र खुरे वाचा, देखा तेरी इल्म हाज़िरी दा तमाशा।” इसको बोला जाता है हनुमान वीर चलाना: साबरी वीर की हज़रत।
अच्छा, ये मंत्र पढ़ते सारी पॉज़िटिविटी फील होती है? पूरा मतलब वो चीज़, वो हाज़िर होते हैं? हाज़िर होते हैं। आत्मा रूप में हाज़िर होते हैं, जिसको वायु रूप बोलते हैं ना, वैसे हाज़िर होते हैं। सबसे बढ़िया दिन है इसको आप दीपावली आने वाली है, दीपावली पे करो, दशहरे पे सिद्ध करो, ग्रहण में सिद्ध करो। इसका प्रभाव बहुत ज़्यादा बढ़ेगा। ओके ओके।
➡️ भूत-प्रेत निकालने का विस्तृत विधान
जी, अब मैं यह चीज़ जानना चाहता हूँ, जैसे आप वो भूत-प्रेत का बता रहे थे, वो बताओ वापस कैसे? क्योंकि बात बीच में रह गई थी ना कि अगर किसी के ऊपर आत्मा आती है, आप बता रहे थे। मैं ये बताना भूल ही गया, जैसे एक्सपीरियंस करना हो किसी ने, जैसे आपका सिद्ध हो गया। आप आसन लगाओ लाल रंग का, उसपे बैठो। मंत्र जाप शुरू करो।
अपने सामने एक पानी रख लो। पानी का गिलास रख लो, चाहे लोटा रख लो या कमंडल हो आपका पानी का। आपके पास कमंडल हो पानी का, वो रख लो। जिसको बीमारी है, यानी कि जो रोगी है जिसको भूत-प्रेत सताता है, उसको सामने बिठाओ। अपना जाप करो। 11 बार करो, 21 बार करो। जल को हाथ में लो, उसका छींटा उस पे लगाओ।
उसके ऊपर जो भी प्रॉब्लम है, चीख़ता-चिल्लाता आएगा। फिर आपने क्या करना है? उसकी चोटी पकड़ लेनी है। जो सिर की जो सेंटर में चोटी होती है ना, चाहे औरत है, बच्चा है, बूढ़ा है, जवान है, चोटी पकड़ लेनी है। उसके बाल उखाड़ लेने, जब भूत-प्रेत हाज़िर हो जाए।
उसका क्या करना है? उसको तब तक पढ़ के मंत्र पढ़ते रहना है, जब तक वो खुद अपना बात ना बताए कि “मैं कैसे जाऊँगा? मैं कहाँ से आया हूँ? मेरे को किसने भेजा है?” जब आपका काम हो जाए, मतलब कि आपने उससे उसका पिंड छुड़ाना है।
बाद में इसको जला दे और जो जली होगी उसकी राख होगी, वो बाहर किसी उजाड़ में फेंक दे। गंगा में हम बहा दें या किसी चलते पानी में। हाँ, चलते पानी में बहा दे। उजाड़ में फेंक दे। पीपल के वृक्ष के नीचे रख दे। उससे उसका छुटकारा हो जाएगा। जी जी। इसको बोलते हैं साबरी वीर को चला के लोगों के भूत-प्रेत कैसे निकालना?
बिल्कुल बिल्कुल। ये यहाँ पर मतलब ये मल्टीपल काम करेगा जी भाई। हाज़िरी जो हजरात होती है, ये हजरात का मतलब ही यही होता है किसी वीर को खड़ा करके उससे बात करना। बात कैसे करना? मनोभाव से करनी, मन में। बिल्कुल बिल्कुल। क्योंकि वो बहुत बड़ी शक्ति है। कोई छोटी-मोटी शक्ति थोड़ी है। जी जी जी।
➡️ FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: इस साधना का नाम क्या है?
A1: इस साधना का नाम हनुमान वीर चलाना है, जिसे साबरी वीर की हजरात भी कहते हैं।
Q2: यह साधना कौन-कौन कर सकता है?
A2: यह साधना संन्यासी, ब्रह्मचारी और गृहस्थ सभी कर सकते हैं।
Q3: इस साधना को सिद्ध करने में कितना समय लगता है?
A3: बड़े साधक इसे दो दिन में भी कर सकते हैं। अधिकतम अवधि सात दिन है।
Q4: इस साधना के मुख्य लाभ क्या हैं?
A4: इसके लाभों में भूत-भविष्य-वर्तमान काल जानना, किसी भी शक्ति को हाज़िर करना, पितृ दोष की जानकारी, कुल देवता की स्थिति जानना और शारीरिक बल (पहलवानों जैसा) प्राप्त करना शामिल है।
Q5: साधना में किन चीज़ों की आवश्यकता होगी?
A5: दो लड्डू, मीठा पान, मूँगे की माला, तिल का दीपक, लाल रंग का आसन, और लाल रंग के वस्त्र आवश्यक हैं।
Q6: मंत्र का जाप कितनी बार करना है?
A6: साधना के दौरान एक दिन में 21 माला करनी है।
Q7: भूत-प्रेत निकालने की विधि क्या है?
A7: साधक सिद्ध होने के बाद पानी पढ़कर रोगी पर छींटा लगाता है, जिससे भूत हाज़िर हो जाता है। फिर चोटी पकड़कर मंत्र पढ़ते हैं जब तक भूत अपनी बात न बता दे। बाद में चोटी के बालों को जलाकर राख उजाड़ में फेंक दी जाती है या चलते पानी में बहा दी जाती है।
Q8: इस साधना को सिद्ध करने के लिए सबसे अच्छे दिन कौन से हैं?
A8: दीपावली, दशहरा, ग्रहण के दिन इस साधना का प्रभाव बहुत ज़्यादा बढ़ता है। इसे शुक्ल पक्ष के मंगलवार को करना चाहिए।
➡️ समापन
चलो, 10 मिनट का पोस्ट और वेबसाइट लेख हो गया। इतना लंबा हमें आगे खींचने की ज़रूरत नहीं। ठीक है। मैं पोस्ट और वेबसाइट लेख पर यहीं समाप्त करता हूँ। देखिए, अब मैं थोड़ा परिचय और बताता हूँ। कुछ ऐसी सवाल होते हैं, ठीक है? मेरे सवाल नहीं होते हैं, वो आगे साधकों के सवाल होते हैं। कमेंट करो भाई, लाइक करो, शेयर करो। नीचे जो भी आपको प्रॉब्लम है, बताओ। सभी हल किए जाएँगे। ऐसी कोई बात नहीं है।
बात ये होती है कि वो सवाल जो होते हैं, ठीक है? मैं उनकी जगह रुद्रनाथ… सॉरी। जी जी रुद्रनाथ जी। जी सागरनाथ जी से मैं रखता हूँ। जी जी। ठीक है। तो नॉलेज हमें भी है। लेकिन क्या होता है कि लोगों के जो सवाल हैं, वो रखने पड़ते हैं। एक जिज्ञासु की तरह हम तभी चीज़ें पूछते हैं। जानकार ये भी हैं और हम भी हैं। बिल्कुल।
ना, एक बंदे को तो रखेंगे ही। हाँ, एक बंदे को जिज्ञासु बनना पड़ेगा। जिज्ञासु बनके सवाल पूछने पड़ेंगे। तो इसी हिसाब से मैं ब्रॉडकास्ट बनाता हूँ। जी जी। ये तो सत्संग है भाई। हाँ, तो ये चीज़ें भी बहुत ज़रूरी हैं। दूसरी चीज़ क्या है? जी सागर नाथ जी का भी एक चैनल है, ठीक है? उसका मैं लिंक नीचे छोडूँगा। उसको भी आप सब्सक्राइब कर लीजिएगा, ठीक है?
और दूसरी चीज़ ये जो मंत्र अभी इन्होंने बताया है, साधना विधि बताई है, जी गुरु मंत्र साधना.com पर आपको उपलब्ध करवाई जाएगी, ता जो आपको साधना करने में कोई भी चूक न हो। जी जी। और आराम से कर सकते हैं। जी। ठीक है।
वैसे किस दिन करनी है और जाप इसका कितना करना है, यह तो बताया नहीं। नहीं है अभी तक। मैंने 21 माला बोल तो दिया है। दिन तो मंगलवार ही होता है। मंगलवार ही होता है इनका। मंगलवार के दिन। शुक्ल पक्ष के मंगलवार के।
कृष्ण पक्ष के? भाई, शुक्ल पक्ष की करनी चाहिए। ये तो अभी नवरात्रि के दिन शुभ चल रहे हैं। इसलिए तो साधक को तो देर लगानी नहीं चाहिए। सुबह बैठ, रात को ही बैठ जाना चाहिए। बिल्कुल बिल्कुल बिल्कुल। तो अभी फिर हम समाप्त करते हैं, क्योंकि 10 मिनट… आप सबका धन्यवाद अगर आपने यहाँ तक पोस्ट और वेबसाइट लेख देखा है तो। जय माता दी। जय श्री महाकाल। जय माता दी।