बगलामुखी मंत्र के नुकसान से बचने के लिए इन नियमो को फॉलो करो (Baglamukhi Mantra Ke Nuksan Se Bachne Ke Liye In Niyamo Ko Follow Karo)

बगलामुखी मंत्र के नुकसान से बचने के लिए इन नियमो को फॉलो करो (Baglamukhi Mantra Ke Nuksan Se Bachne Ke Liye In Niyamo Ko Follow Karo)
बगलामुखी मंत्र के नुकसान से बचने के लिए इन नियमो को फॉलो करो (Baglamukhi Mantra Ke Nuksan Se Bachne Ke Liye In Niyamo Ko Follow Karo)

अरे यार, सुनो! जब भी हम माँ बगलामुखी की बात करते हैं, तो हमारे मन में एक बहुत ही पॉवरफुल शक्ति का ख्याल आता है। भाईसाहब, माँ बगलामुखी दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या हैं और उनकी साधना बहुत ही असरदार मानी जाती है। लोग इन्हें स्तंभन की देवी कहते हैं, मतलब वो किसी भी चीज़ को, किसी भी बुरी शक्ति को रोक सकती हैं, शांत कर सकती हैं। लेकिन देखो, जितनी ज़्यादा पॉवर होती है, उतनी ही ज़्यादा ज़िम्मेदारी भी होती है, है ना?

अगर इस मंत्र का जाप सही तरीके से, पूरे नियम और अनुशासन के साथ न किया जाए, तो इसके कुछ नुकसान भी फील हो सकते हैं। तो भाई, आज हम इसी बारे में बात करेंगे कि बगलामुखी मंत्र के नुकसान से बचने के लिए हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। चलो, शुरू करते हैं, क्या कहते हो?

 

क्यों है बगलामुखी मंत्र साधना में सावधानी जरूरी? (Kyon Hai Baglamukhi Mantra Sadhana Mein Savdhani Jaruri?)

 

देखो भाई, बगलामुखी मंत्र कोई साधारण मंत्र नहीं है। यह एक तांत्रिक मंत्र है। जब कोई साधक इसका जाप करता है, तो बहुत ज़्यादा एनर्जी पैदा होती है। जरा सोचो, अगर इतनी एनर्जी को संभालने का सही मेथड हमें पता न हो, तो क्या होगा? यह एनर्जी हमें फायदा पहुँचाने की जगह, हमारा ही नुकसान कर सकती है। इसीलिए गुरु और शास्त्र, दोनों ही इस साधना में बहुत सावधानी बरतने को कहते हैं। अगर ज़रा सी भी चूक हुई, तो मामला गड़बड़ हो सकता है। समझ गए न?

 

बगलामुखी मंत्र के नुकसान से बचने के ख़ास नियम (Baglamukhi Mantra Ke Nuksan Se Bachne Ke Khas Niyam)

 

अच्छा तो, अब आते हैं मेन पॉइंट पर। अगर आप यह साधना कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं, तो इन नियमों को अपनी डायरी में लिख लो। भाई मान लो, ये नियम आपकी सुरक्षा के लिए ही हैं।

 

 सबसे पहले एक योग्य गुरु का होना (Sabse Pehle Ek Yogya Guru Ka Hona)

 

भाईसाहब, ये पहला और सबसे ज़रूरी नियम है। बिना गुरु के इस साधना को करने की गलती कभी मत करना। तुम्हे क्या लगता है, किताबें पढ़कर या ऑनलाइन वीडियो देखकर कोई भी यह साधना कर सकता है? बिलकुल नहीं। एक योग्य गुरु ही आपको मंत्र की सही दीक्षा देगा, उसका सही प्रोनाउन्सिएशन (उच्चारण) बताएगा और साधना के दौरान आने वाली परेशानियों से आपको बचाएगा। गुरु एक प्रोटेक्शन शील्ड की तरह काम करता है। अगर कुछ ऊँच-नीच हो भी जाए, तो गुरु उसे संभाल लेता है। मानते हो न?

 

संकल्प और उद्देश्य का शुद्ध होना (Sankalp Aur Uddeshya Ka Shuddh Hona)

 

अरे देखो, तुम ये साधना क्यों करना चाहते हो? तुम्हारा इंटेंशन क्या है? यह बहुत मैटर करता है। अगर आप किसी का बुरा करने, किसी को परेशान करने या किसी गलत काम के लिए इस मंत्र का यूज़ कर रहे हो, तो माँ कभी प्रसन्न नहीं होंगी। सच बताऊँ, इसका उलटा असर आप पर ही पड़ेगा। आपका उद्देश्य हमेशा सात्विक और धर्म के अनुसार होना चाहिए। जैसे कि, शत्रुओं से रक्षा, केस-मुकदमे में जीत या जीवन में आ रही रुकावटों को दूर करना। किसी का अहित करने का भाव मन में आया, तो समझो खेल बिगड़ गया।

 

शारीरिक और मानसिक शुद्धता बहुत ज़रूरी (Sharirik Aur Mansik Shuddhta Bahut Jaruri)

 

जी, साधना के दौरान आपको फिजिकल और मेंटल, दोनों लेवल पर प्योर रहना पड़ेगा।

  • शारीरिक शुद्धता: रोज़ स्नान करें। हमेशा साफ़ और धुले हुए कपड़े पहनें। माँ बगलामुखी की साधना में पीले कपड़े पहनना सबसे अच्छा माना जाता है। अपना पूजा का स्थान भी बिलकुल साफ़-सुथरा रखें।
  • मानसिक शुद्धता: अपने मन में किसी के लिए भी गलत विचार न लाएं। गुस्सा, जलन, लालच, इन सब चीज़ों से दूर रहें। मन को बिलकुल शांत और स्थिर रखने की कोशिश करें। समझे?
खान-पान में सात्विकता (Khan-Paan Mein Satvikta)

 

अरे भाई, जब आप इतनी बड़ी साधना कर रहे हो, तो खान-पान का तो ध्यान रखना ही पड़ेगा। साधना के दिनों में आपको पूरी तरह से सात्विक भोजन ही करना चाहिए। इसका मतलब है, मांस, मछली, अंडा, शराब, सिगरेट, और यहाँ तक कि लहसुन-प्याज जैसी तामसिक चीज़ों से भी बिलकुल दूर रहना है। जैसा अन्न, वैसा मन, ये कहावत तो सुनी ही होगी न? सात्विक भोजन आपकी एनर्जी को सही दिशा में बनाए रखने में हेल्प करता है।

अधिक जानकारी के लिए आप मंत्र साधना के सामान्य नियमों के बारे में पढ़ सकते हैं, जिससे आपको एक बेसिक आईडिया मिलेगा।

 

मंत्र जाप की सही विधि और सावधानियां (Mantra Jaap Ki Sahi Vidhi Aur Savdhaniyan)

 

अब कुछ प्रैक्टिकल बातों पर आते हैं जो जाप के समय ध्यान रखनी हैं।

सही माला और आसन का प्रयोग (Sahi Mala Aur Aasan Ka Prayog)

 

भाई देख, बगलामुखी मंत्र का जाप हमेशा हल्दी की माला से ही किया जाता है। किसी और माला का इस्तेमाल न करें। बैठने के लिए ऊनी या कुश का आसन इस्तेमाल करें। ज़मीन पर डायरेक्ट बैठकर जाप करने की गलती न करें, क्योंकि इससे आपकी जप ऊर्जा ज़मीन में चली जाती है।

 

ब्रह्मचर्य का पालन करना (Brahmacharya Ka Palan Karna)

 

जी हाँ, यह थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन इस साधना की सफलता के लिए यह बहुत ज़रूरी है। साधना काल में साधक को पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। क्या कहूँ, यह नियम आपकी आध्यात्मिक ऊर्जा को बचाने और उसे सही दिशा में लगाने के लिए होता है।

 

अगर साधना बीच में टूट जाए तो क्या करें? (Agar Sadhana Beech Mein Toot Jaye Toh Kya Karein?)

 

मान लो, किसी वजह से आपकी साधना बीच में टूट जाती है या कोई गलती हो जाती है। तो क्या करें? अरे सुनो, सबसे पहले तो घबराना नहीं है। आपको तुरंत अपने गुरु से संपर्क करना चाहिए। वो आपको इसका सही समाधान बताएँगे। इसके अलावा, आप माँ बगलामुखी से क्षमा-याचना कर सकते हैं और फिर से संकल्प लेकर साधना शुरू कर सकते हैं। लेकिन गुरु की सलाह के बिना कुछ भी अपने मन से मत करना, ठीक है न?

 

मंत्र के फायदे कब नुकसान में बदल जाते हैं? (Mantra Ke Fayde Kab Nuksan Mein Badal Jate Hain?)

 

जरा सोच के देखो, एक चाकू डॉक्टर के हाथ में हो तो जीवन बचाता है और वही चाकू किसी गलत इंसान के हाथ में हो तो जीवन ले लेता है, सही है न? वैसे ही यह मंत्र है।

  • जब आप इसका प्रयोग अपनी ईगो या घमंड को बढ़ाने के लिए करते हैं।
  • जब आप छोटी-छोटी बातों पर लोगों को डराने या उन पर अपनी पॉवर दिखाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।
  • जब आप इसे एक ‘शॉर्टकट’ मानकर बिना मेहनत के सब कुछ पाना चाहते हैं।

ऐसी सिचुएशन में, यह मंत्र आपको फायदा देने की बजाय आपकी मानसिक शांति छीन सकता है, आपके बने-बनाए काम बिगाड़ सकता है और आपको अंदर से खोखला कर सकता है।

माँ बगलामुखी के बारे में और गहराई से जानने के लिए आप उनका विकिपीडिया पेज भी पढ़ सकते हैं।

 

निष्कर्ष (Conclusion)

 

तो भाई, कुल मिलाकर बात ये है कि माँ बगलामुखी की साधना एक बहुत ही गंभीर और शक्तिशाली साधना है। यह कोई मज़ाक नहीं है। अगर आप इसे पूरे सम्मान, श्रद्धा, और सही नियमों के साथ करते हैं, तो माँ की कृपा से आपके जीवन की बड़ी से बड़ी मुश्किल भी हल हो सकती है। लेकिन अगर आपने नियमों को अनदेखा किया या इसका गलत इस्तेमाल करने की सोची, तो इसके नुकसान उठाने के लिए भी तैयार रहना पड़ेगा।

इसीलिए, जो भी कीजिए, अपने गुरु के मार्गदर्शन में कीजिए और अपनी नीयत हमेशा साफ़ रखिए। प्रभु की लीला देखो, सब अच्छा ही होगा। याद रखोगे न?

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मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/