भुवनेश्वरी साधना के लाभ – bhuvaneshwari sadhana ki labh ph .85280 57364

जय माता की, कैसे हैं आप सब? आशा करता हूँ की आप सब ठीक-ठाक होंगी। आज का जो विषय है, वह है की भुवनेश्वरी साधना करने से आपके जीवन में क्या-क्या घटित होता है, भुवनेश्वरी साधना के लाभ क्या हैं, उनके बेनिफिट क्या हैं, किस प्रकार से आप माँ भुवनेश्वरी की शरण में जा सकते हैं।
माता भुवनेश्वरी की साधना कैसे की जाती है ? माता भुवनेश्वरी की साधना के लाभ क्या हैं ? माता भुवनेश्वरी की साधना करने से जीवन में क्या-क्या घटित होता है? इन सब की जानकारी प्राप्त करने से पहले आपको यह बताते हैं की माता भुवनेश्वरी कौन हैं।
कौन हैं माँ भुवनेश्वरी ?
वह 10 महाविद्याओं में से एक हैं, पाँचवीं शक्ति हैं। माँ काली प्रथम रूप हैं, जैसे माँ काली जो है, माँ शक्ति का अंतिम रूप है ना, उसी प्रकार माँ भुवनेश्वरी जो है, वह शक्ति का प्रथम रूप मानी जाती हैं।
अखिल ब्रह्मांड की रानी, ऊर्जा है की उनकी ऊर्जा को देख पाना मुमकिन ही नहीं है। बहुत कठिन तपस्याएं करने के पश्चात् भगवती प्रसन्न हो जाती है, तो कभी भी दर्शन नहीं देती है। उन्हें मनाना बहुत ही मुश्किल है।
था उनके पैर के अंगूठे के नाखून में ही 33 कोटि देवी-देवता विराजमान होते हैं और माँ के पैर के अंगूठे के नाखून में करोड़ों ही पृथ्वियाँ हैं, करोड़ों ही आकाश, ब्रह्मा हैं, करोड़ों विष्णु हैं, करोड़ों ही महेश हैं।
तो श्रीमद्देवी भागवत पुराण जो है, उसमें इस विषय के बारे में पूरी जानकारी दी गई है, जो अभी मैंने आपको बताई ना की उनके अंगूठे के पैर की नाखून में करोड़ों सृष्टियाँ, सब उसमें बताया गया है डिटेल्स से। आप चाहे तो श्रीमद्देवी भागवत पुराण पढ़ सकते हैं।
तो जो माँ भुवनेश्वरी हैं, वह भगवान शिव की स्वामिनी भी मानी जाती हैं। माता भुवनेश्वरी की ही अर्चना, पूजा-अर्चना सभी देवी-देवता करते हैं।
जैसे भगवान शिव हैं, भगवान विष्णु करते हुए सृष्टि की और श्री हरि विष्णु ने पालन किया और भगवान भोलेनाथ ने सृष्टि का संहार भी करते हैं। तो यह जो कुछ भी सृष्टि में हो रहा है, वह आदि पराशक्ति भुवनेश्वरी की वजह से, उनकी कृपा से, उनकी इच्छा पर ही हो रहा है।
जैसे एक कुम्हार खेल-खेलने के लिए मिट्टी का कोई खिलौना बनाता है और जब उनका मन करता है, वह खिलौने रचना करते हैं।
उसी प्रकार से कुम्हार खिलौने की रचना करने के पश्चात् खिलौने से खेलता है, तो उसी प्रकार उनमें अनेकों लीलाएं करती है।
खिलौने के साथ खेलने के पश्चात् उसी खिलौने को नष्ट करके एक नया खिलौना बनाता है। उसी प्रकार से माँ आदि पराशक्ति माँ भुवनेश्वरी भी जब सृष्टि में लीलाएं करके उनका मन भर जाता है, तब वह सृष्टि का संहार कर देती है।
माँ भुवनेश्वरी ही भगवान ब्रह्मा, विष्णु, इनकी शक्तियों से ही ब्रह्मा, विष्णु, महेश प्रकट हुए और इनकी शक्तियों से ही रचना, पालन और संहार होता है।
तो कुल मिलाकर माता भुवनेश्वरी के ऊपर कुछ भी नहीं है। तो जो माँ भुवनेश्वरी हैं, अखिल ब्रह्मांड की महारानी हैं, अधिष्ठात्री देवी हैं। माँ प्रकृति भी इन्हीं कहा गया है, माँ शाकम्भरी भी इन्हें कहा जाता है।
भुवनेश्वरी साधना के लाभ

1 भुवनेश्वरी साधना के लाभ – दरिद्रता का नाश
माँ भुवनेश्वरी की साधना यदि कोई दरिद्र करता है, जो बहुत ही निर्धन व्यक्ति होता है, मान लो की किसी जन्म की दरिद्रता किसी को चिपक गई, जन्म-जन्म होता है, व्यक्ति धनवान होता है और उसकी सात पीढ़ियों को धन की कभी भी कोई कमी नहीं रहती।
2 भुवनेश्वरी साधना के लाभ – वाणी में मधुरता
अगर कोई व्यक्ति माँ भुवनेश्वरी की साधना, आराधना करता है तो क्या जाती है? उनकी पूजा-पाठ करते हैं, उनकी वाणी जो होती हो, इतनी मधुर होती है जैसे कान्हा जी की बांसुरी मधुर हुआ करती थी। उसी प्रकार से ऐसे लोगों की वाणी मधुर होती है जो भुवनेश्वरी शरण में होते हैं।
3 भुवनेश्वरी साधना के लाभ – ज्ञान की प्राप्ति
उन पर इतनी कृपा होती है की उन्हें ज्ञान अपने आप ही प्राप्त होने लगता है क्योंकि माँ में, माँ में इतना ज्यादा ज्ञान है, ज्ञान है इसीलिए तो उन्होंने सृष्टि की रचना की, पालन किया, संहार किया, है ना? सब ज्ञान से ही होता है।
तो जो माँ के प्यारे भक्त होते हैं, प्यारे बच्चे होते हैं, उनमें भी ज्ञान की कोई कमी नहीं होती है, बहुत ज्ञान होता है उनमें और वह ज्ञान जो होता है, वह हर जन्म में उनके काम आता है।
4 भुवनेश्वरी साधना के लाभ – ऊर्जा, शक्ति और निर्भयता
माँ भुवनेश्वरी की जब साधना शुरू की जाती है, तब जो साधक होता है, उसमें एक ऊर्जा का एहसास होता रहता है। उसे लगता है की जैसे उसके अंदर बहुत ही ज्यादा एनर्जी है, उसके अंदर बहुत ही ज्यादा ऊर्जा है, बहुत ज्यादा शक्ति है।
वह अपने आप को बहुत ही सेफ समझता है, अपने आप को बहुत ही मजबूत समझने लगता है और उसे किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता।
बहुत भयभीत रहने वाले जो लोग होते हैं, जिन्हें बहुत ज्यादा डर लगता है, जिन्हें अंधेरे से भी डर लगता है, अगर कोई साथ है तब भी डर लगता है, अगर वह अकेले हैं तब भी डर लगता है, मतलब की अपने आप को इनसिक्योर फील करने वाले जो लोग होते हैं.
उन्हें भुवनेश्वरी जरूर करनी चाहिए। ऐसे में यह लाभ होता है की व्यक्ति का भय जो है, उसका नाश हो जाता है और भय मुक्त होकर विचरण करने लगता है।
5 भुवनेश्वरी साधना के लाभ – कार्यों में सफलता
जिस कार्य में भी हाथ डालता है, उस कार्य में उसे सफलता मिलती है। भगवती को मिलती है तब उस व्यक्ति का हाथ अगर रेत में भी लग जाता है, तो वह रेत भी सोना बन जाती है। की वह जिस काम में भी हाथ डालता है, उसी काम में उसे सफलता मिलती है।
सफलता मिलती है इसीलिए तो गरीबी दूर जाती है, है ना ? गरीबी दूर तभी होगी जब सफलता प्राप्त होगी। सफलता भी कैसे प्राप्त होगी ?
जब भी व्यक्ति कर्म करता है और उस कर्म में उसका विश्वास होता है की मैं जो कार्य कर रहा हूँ, मेरी इष्ट देवी मुझे उस कार्य में सफलता प्रदान करेगी।
तब उस व्यक्ति का जो कॉन्फिडेंस होता है, वह कॉन्फिडेंस उसको सफलता की ओर ले जाता है। माता भुवनेश्वरी कॉन्फिडेंस लेवल को हाई करती है।
6 भुवनेश्वरी साधना के लाभ – रोगों का निवारण
ऐसे लोग जिन्हें कोई व्याधि है, कोई रोग है, ऐसे लोग, ऐसा रोग लग गया है जिसका कोई इलाज नहीं है, तो माँ भुवनेश्वरी जो है, ऐसे रोगों को भी ठीक कर देती है।
7 भुवनेश्वरी साधना के लाभ – भाग्य परिवर्तन
कोई भी नहीं मिटा सकता है। वह प्रभु देव का लिखा हुआ भी मिटा सकती है और उसको उसी अकॉर्डिंग लिख सकती है जिस अकॉर्डिंग वह खुद चाहती है।
अगर आपके जो कर्म हैं, वह अच्छे नहीं लिखे, आपके साथ कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है, आपके लेख भगवान ने अच्छे नहीं लिखे हैं, तो आप भुवनेश्वरी की शरण में जा सकते हैं।
आप जब माँ भुवनेश्वरी की शरण में जाएंगे, उनसे प्रार्थना करेंगे की आपके जीवन में, आपके भाग्य में अगर गरीबी है तो उस गरीबी को दूर करें हूँ। तो माँ भुवनेश्वरी उस गरीबी को दूर करती है।
8 भुवनेश्वरी साधना के लाभ – संतान प्राप्ति
अगर मान लो की आपको किसी पंडित ने कहा है की आपकी कुंडली में पुत्र का योग नहीं है, संतान का योग नहीं है, है ना? तो ऐसे योग भी माँ बदल देती है। अगर आप माँ की शरण में जाते हैं, उनके साथ नाराज ना करते हैं, उनकी विधिवत पूजा करते हैं, तब आपको माँ पुत्र रत्न की भी प्राप्ति कराती है।
कोई भी व्यक्ति निःसंतान नहीं रहता। संतान प्राप्ति करवाती है, चाहे आप पुत्र चाहें, चाहे पुत्री चाहें, आपको आपकी इच्छा अनुसार संतान प्राप्त होती है।
9 भुवनेश्वरी साधना के लाभ – तंत्र-मंत्र और नकारात्मकता से रक्षा
अगर किसी को भूत-प्रेत बाधा है, किसी को किया-कराया है, किसी को ऐसा तंत्र कर दिया गया है जिसकी काट ही नहीं है, तो माँ भुवनेश्वरी की शरण में आप जा सकते हैं। क्योंकि माँ भुवनेश्वरी से ही हर एक तंत्र-मंत्र का जन्म हुआ है। माँ भुवनेश्वरी ने ही सृष्टि की रचना की है। तो जब हमारे भुवनेश्वरी की शरण में जाया जाता है, तब आप भुवनेश्वरी खुद हर तंत्र की काट कर देती है।
10 भुवनेश्वरी साधना के लाभ – सम्मान और ऐश्वर्य
माँ भुवनेश्वरी की शरण में जाने वाले व्यक्ति के जीवन में ऐसी-ऐसी घटनाएं होती है की उसके जो जीवन होता है, वह चमत्कारों से भर जाता है और ऐसा व्यक्ति, ऐसा व्यक्ति जो होता है, वह समाज में बहुत सम्मान प्राप्त करता है।
व्यक्ति अपने आप में राजा-महाराजा जैसी जिंदगी जीते हैं की उनके जीवन में इतना धन, इतना ऐश्वर्य होता है की उन्हें किसी चीज की कमी नहीं होती। जितने भी बड़े-बड़े दिग्गज अमीर लोग हैं, उनको सबकी पूजा-अर्चना करते हैं, चाहे वो गुप्त रूप से करते हैं, परंतु करती जरूर है।
साधना की गोपनीयता और गुरु की अनिवार्यता
और यदि आप भी माँ भुवनेश्वरी की साधना, आराधना करते हैं, तो जितना हो सके, उसे गुप्त रखिए। माँ भुवनेश्वरी की जो साधना करते हैं, उनकी वाणी में ही माँ भुवनेश्वरी का वास होता है और ऐसे लोगों की वाणी से ही पता चलता है की यह लोग माँ भुवनेश्वरी की आराधना करते हैं।
उनकी वाणी में इतनी मिठास होती है की मन करता है की ऐसे लोगों के पास बैठकर उनकी बातें सुनते रहे।
आपको अगर कोई व्यक्ति अच्छा नहीं समझता है, आपसे बात करना अच्छा नहीं समझता है, तो आप भुवनेश्वरी की शरण में जाइए, तो ऐसे लोग जो आपसे बात करना नहीं चाहते हैं, तो वह लोग भी आपसे बात करने के लिए तड़प उठाते हैं।
वह सारी लीलाएं, बहुत सारे चमत्कार हैं जो केवल एक ही पोस्ट में बताना संभव नहीं है।
माँ भुवनेश्वरी जो है, वह 10 महाविद्याओं में से पाँचवीं महाविद्या है। महाविद्या का अर्थ है जो विद्या की बहुत ही हाई लेवल की विद्याएँ होती है ना, उन्हें महाविद्या कहा जाता है।
तो इसलिए जो महाविद्याएँ होती हैं, जैसे यह 10 महाविद्याएँ, इनकी जो आराधना-साधना होती है, कि वो बिना गुरु के नहीं होती।
इसलिए यदि आप माँ भुवनेश्वरी की साधना करना चाहती हैं, तो गुरु का हाथ सर पर होना बेहद जरूरी है। माँ भुवनेश्वरी करते हैं तो आपको उसका बहुत लाभ होता है, बहुत ही चमत्कारिक तरीके से भुवनेश्वरी की साधना से आपको लाभ होते हैं।
मंत्र और उनका प्रभाव
इसके भी बहुत से लाभ हैं। भुवनेश्वरी के अनेकों मंत्र हैं जिनकी दीक्षा दी जाती है और गुरु के द्वारा उनकी साधनाएं करके मंत्रों में, उन मंत्रों को जागृत किया जाता है और जैसे-जैसे यह मंत्र जागृत होते हैं।
वैसे-वैसे आपके जीवन में तरक्की, कामयाबी, धन, ऐश्वर्य होता है, गरीबी हटती है, गरीबी दूर होती है, संतान की प्राप्ति होती है।
जिस प्रकार जीवन, जिस प्रकार से होता है, उसी प्रकार से भगवती भुवनेश्वरी के सभी साधकों का जीवन होता है। जीवन में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहती है ना?
धनेश्वरी साधना से प्राप्त हो जाता है। शत्रुओं से भी छुटकारा मिलता है, तंत्र बाधा से छुटकारा मिलता है।
तो यह था आज का टॉपिक। आशा करती हूँ की आपको मेरा यह टॉपिक अच्छा लगा होगा। तो जल्दी से मेरी इस पोस्ट को लाइक कीजिए, कमेंट कीजिए, शेयर कीजिए और जय माता दी। खुश रहिए, खुशहाल से ही।