श्री हरिद्रा गणेश साधना पूजा के लाभ और क्यों करना चाहिए ?

श्री हरिद्रा गणेश साधना पूजा के लाभ और क्यों करना चाहिए ?
श्री हरिद्रा गणेश साधना पूजा के लाभ और क्यों करना चाहिए ?

ॐ गं गणपतये नमः। हरिद्रा गणेशाय नमः।

Haridra Ganesh Sadhana आज का जो विषय है, वह है श्री हरिद्रा गणेश पूजा-साधना के लाभ और क्यों करनी चाहिए हरिद्रा गणेश की साधना।  श्री हरिद्रा गणेश की साधना के लाभ और क्यों करना चाहिए हरिद्रा गणेश की साधना ? देखो, सबसे पहली चीज क्या है, हरिद्रा गणेश की साधना। भई, भगवान श्री गणेश के अलग-अलग रूप हैं, ठीक है ना? भगवान श्री गणेश के अलग-अलग रूप हैं, लेकिन अगर आप हरिद्रा गणेश जी की साधना करते हैं तो सर्वप्रथम यह गणपति, हरिद्रा गणपति, मां बगलामुखी के पुत्र स्वरूप गणपति माने जाते हैं

 

माँ बगलामुखी का आशीर्वाद और तेज बुद्धि

 

हरिद्रा गणेश, हरिद्रा मतलब हल्दी और मां का एक नाम पीतांबरा। मां को पीला रंग और हल्दी बहुत प्रिय है, तो भगवान श्री गणेश की अगर हरिद्रा रूप में हम पूजन करते हैं तो सर्वप्रथम मां बगलामुखी का आपको आशीर्वाद प्राप्त होता है।

भगवान श्री गणेश से बुद्धि आपकी बहुत प्रखर हो जाती है, बहुत तेज हो जाती है। यानी कि जैसे सामने वाला व्यक्ति आपसे कुछ बात कर रहा है या आप कहीं कोई व्यापार कर रहे हो, नौकरी कर रहे हो, काम कर रहे हो, तो आपकी बुद्धि के अंदर वो चीज आएगी जो आप अपनी वाणी से बोलेंगे, जो आपको सफल बनाएगी।

 

धन, मान-सम्मान और आध्यात्मिक उन्नति

 

 जब बुद्धि अच्छी होती है और जब वाणी अच्छी होती है तो धन के रास्ते बेहतर हो जाते हैं क्योंकि जो ज्योतिष के अंदर जो गले का स्थान होता है, यह द्वितीय स्थान माना जाता है, उसको कुटुंब का स्थान माना जाता है, इसको परिवार का स्थान माना जाता है, मुख्यतः आपके धन का स्थान माना जाता है।

तो हरिद्रा गणेश जी की साधना करने से जब आपकी बुद्धि अच्छी होगी, प्रखर होगी और उसके संग-संग जब आप जो है, अच्छा बोलेंगे, आपका कंठ का स्थान यानी कि कुंडली के अंदर दूसरा घर आपका जब एक्टिवेट होगा, तो आपके परिवार के लोग, आपके आसपास के लोग आपका सहयोग करेंगे, आपका काम बढ़ेगा और आपका धन बढ़ेगा।

जब बुद्धि अच्छी होगी, वाणी अच्छी होगी, धन की मात्रा आगे बढ़ेगी तो आपका मान-सम्मान, प्रतिष्ठा स्वयं बढ़ जाएगी। और जब व्यक्ति का मन शांत होता है, बुद्धि स्थिर होती है, प्रबल होती है, धन का आगमन आपकी जरूरत के अनुसार  होता रहता है,  आपका जो विश्वास है, आध्यात्मिक  हो जाता है।

 जब आप आध्यात्मिक हो जाते हैं तो ईश्वर भी आपकी जरूरतों को, जैसे भौतिक उन्नति को बढ़ाता है। और जब भौतिक उन्नति बढ़ती है तो आपके जीवन में सुख बढ़ता है, पारिवारिक सुख बढ़ता है और सकारात्मक विकास होता है

साधना का सार

तो इसलिए हमें हरिद्रा गणेश की आराधना करना चाहिए। अगर आप चाहते हो जीवन के अंदर कि मां बगलामुखी का आशीर्वाद आप पर बरसता रहे, उत्तम वाणी हो, उत्तम बुद्धि हो, मान-सम्मान-प्रतिष्ठा बढ़े, आध्यात्मिक ज्ञान बढ़े, भौतिकता की जो जरूरत की चीजें हैं।  वो आपको प्राप्त होती रहें, सुखी दांपत्य जीवन, सुखी पारिवारिक जीवन, सुखी सकारात्मक सोच का विकास हो, तो उसके लिए हरिद्रा गणेश की आराधना करना अति आवश्यक है।

 

ज्योतिषीय दृष्टिकोण: ग्रहों पर प्रभाव

 

आप बुद्धि के देवता भगवान श्री गणेश को बोला जाता है और मैं आपको यहां पर ज्योतिष का, अध्यात्म के संग में थोड़ा एस्ट्रोलॉजी की बात यहां पर आपको मैं बताना चाहूंगा कि भगवान श्री गणेश की पूजा कर रहे थे, सबसे पहली चीज क्या है कि कुंडली के अंदर जो आपके केतु ग्रह होते हैं, जो राहु ग्रह होते हैं, वो पॉजिटिव होने लगते हैं, साथ ही साथ बुध ग्रह पॉजिटिव हो जाते हैं।

गुरु ग्रह की विशेष कृपा

 

लेकिन यहां पर हरिद्रा गणेश की पूजा हो रही है यानी हल्दी स्वरूप गणेश की पूजा हो रही है तो आपके गुरु ग्रह भी अच्छे हो जाएंगे। तो अब आप यह देखिएगा कि भगवान श्री गणेश की आराधना करने से सबसे पहले क्या है कि  केतु यानी कि भ्रमजाल यानी आपके मन में जो भ्रम पैदा होता है, जो अचानक आपके जीवन में परिवर्तन होता है, तो उस पर आपका कंट्रोल होने लगता है, आप कंट्रोल करने लगते हो।

उसके बाद राहु जो आपको भ्रमित भी करता है और अचानक समस्या लाकर खड़ा कर देता है, तो वो भी पॉजिटिव होकर आपका सहयोग करने लगता है।

आपकी कुंडली के दो ग्रह हो गए। तीसरे नंबर पर वाणी का, क्रिएटिविटी का, नॉलेज का जो ग्रह है बुध, वो आपको सहयोग करने लगता है भगवान हरिद्रा गणेश की साधना से।

 उसके बाद में भगवान श्री गणेश का पीतांबरा स्वरूप होना यानी क्या होता है कि देव गुरु बृहस्पति जो आपकी कुंडली के अंदर हैं, वह पॉजिटिव हो जाते हैं

 जैसे वह पॉजिटिव होते हैं, सकारात्मक होते हैं, तो देव गुरु बृहस्पति संतान के, अध्यात्म के, सुख के, ऊंचाइयों के, स्वर्ण के, देवत्व के, पितरों के, गुरु के स्वरूप माने जाते हैं, तो वो आपकी कुंडली में इन सब चीजों का सकारात्मक प्रभाव देने लगते हैं, आपको प्राप्त होने लगती हैं।

निष्कर्ष

नेक्स्ट  भगवान श्री गणेश की, हरिद्रा गणेश की किस प्रकार से मंत्र जाप किया जाएगा, बहुत आसानी से कर सकते हैं, उस विषय में चर्चा करेंगे। आज की चर्चा यहीं समाप्त करते हैं।

आशा करता हूं post  आपको पसंद आई होगी। कुंडली विश्लेषण, कुंडली मिलान, किसी मुहूर्त की जानकारी के बारे में और ऑरा स्कैनिंग के लिए आप संपर्क कर सकते हैं। जय माता दी।

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मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/