गुरु मंत्र साधना में आप सबका फिर से स्वागत है। मैंने अभी तक तंत्र के ऊपर बहुत सारे पोस्ट लिखे हैं। आपका बहुत सारा स्नेह प्राप्त हुआ, इस चीज़ के लिए मैं दिल से आभार प्रकट करता हूँ। ठीक है, आज आप लोगों के लिए मैं ले के आया हूँ सुवर्ण तारा साधना।

जो सुवर्ण तारा साधना है, यह अपने आप में बहुत बड़ी साधना है। अगर आप इसको संपन्न कर लेते हो, तो आपको डेली दो तोला सोना प्राप्त होता है, तो यह निश्चित है। और यह चेटक साधना के अंतर्गत आने वाली साधना है। 

चेटक साधना वह होती है जिसमें कोई शक्ति आपको उपहार के तौर पर कीमती चीज़ देती है, उसको हम चेटक साधना बोलते हैं। चेटक साधना में ज़्यादातर आपको कीमती चीजें मिलती हैं। 

अगर कोई व्यक्ति सागर चेटक साधना करता है, तो उसको समुंदर के हीरे-जवाहरात प्राप्त होते हैं। और वहीं कोई स्वर्ण कुछ चीजें स्वर्ण प्रदान करती हैं। 

तो चेटक विद्या बहुत ही प्राचीन विद्या मानी गई है। इसमें एक और चेटक माना गया है, जिसको हम बोलते हैं अन्नपूर्णा चेटक। अन्नपूर्णा चेटक से क्या होता है ? एक अन्नपूर्णा माता के द्वारा एक कटोरा मिलता है, उस कटोरी के ज़रिए आपको डेली गेहूँ प्राप्त होता है। तो आप कुछ भी जो घर की सामग्री होती है, वह हासिल कर सकते हैं उस अन्नपूर्णा कटोरे के माध्यम से।

आज हम बात करने वाले हैं सुवर्ण तारा साधना के ऊपर। देखिए, जो स्वर्ण तारा साधना है, बहुत ही प्राचीन साधना है। आज से नहीं, बहुत लंबे समय से साधक करते हुए आ रहे हैं और बहुत लोगों ने इसको सिद्ध भी करा है।

 इस साधना का मक़सद यह होता है कि कोई भी अगर आप जैसे कोई भी स्वर्ण प्राप्त करते हैं, उस स्वर्ण का आपको गरीबों में दान भी करना होता है, लोगों के भले के लिए भी पैसा इस्तेमाल करना होगा। 

अगर आप लोक कल्याण के लिए उस पैसे का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो आपकी वह सिद्धि नष्ट हो जाएगी। दूसरी चीज़, आप अनुचित चीज़ों के ऊपर उसको खर्च मत करिए। अनुचित चीजें मतलब जैसे कि आप मान लीजिए शराब, मीट, अंडा। शराब वग़ैरह पीते हैं, लोग अय्याशी करने लगते हैं जब पैसा आता है खूब, तो उस तरीके से भी नहीं करना। 

अगर आप करोगे तो भाई पैसा आपका नष्ट होगा ही होगा, सिद्धि आपकी नष्ट होगी ही होगी। इसीलिए इन चीजों का ध्यान रखें, उन पैसों का ग़लत इस्तेमाल मत करें, अपनी अय्याशी के लिए यूज़ मत करें। 

आप उन पैसों से अच्छा कपड़ा पहन सकते हैं, अच्छा खाना खा सकते हैं, अच्छी कार ले सकते हो आप और भी जो भी अच्छी चीजें आप हासिल कर सकते हैं, पर आप उन पैसों का ग़लत इस्तेमाल ना करें। 

आप अपनी समृद्ध ज़िंदगी जी सकते हैं, इसमें कोई भी ग़लत चीज़ नहीं है, पर पैसों का अनुचित प्रयोग करने पर यह चीजें खत्म हो जाती हैं।

अगर कोई व्यक्ति इस शक्ति का अच्छे से प्रयोग करता है, मतलब लोक कल्याण के लिए इस्तेमाल करता है, तो उसका यह होता है, जैसे उसको दो तोले डेली सोना मिलता है ना, तो माँ उसको खुश होकर छह तोले कर देगी, बढ़ाती जाएगी। 

अगर पैसा आप सही जगह लगाते हो, ग़लत जगह लगाओगे तो भाई पैसा बढ़ने की बजाय कम ही होगा। जो आपने घर-मकान उस पैसे से खरीदा है ना, वह भी नष्ट हो जाएगा। 

यह मत समझना कि मैंने घर बना लिया, यह कर लिया, गाड़ी ले ली, ठीक है, अब मैं जो कुछ मर्ज़ी करूँ। जो भी पुराना तुम्हारा होगा, वह सारा कुछ ले लिया जाएगा। इसीलिए क्या है भाई, पैसे का सही इस्तेमाल करना।

अब बहुत सारे लोग यह बोलेंगे कि अब यह स्वर्ण तारा जो साधना है, ऐसे तो सब लोग करके सभी अमीर बन जाएँ। सब लोग करके सब अमीर बन सकते हैं, पर क्या है कि लोग करते नहीं हैं। साधना एक बहुत बड़ा चैलेंज होता है, हर व्यक्ति उस चैलेंज को पूरा नहीं कर सकता है। 

जैसे एक आईपीएस का एग्ज़ाम होता है, तो लाखों लोग एग्ज़ाम देते हैं, कुछ लोग ही उनमें से सफल होते हैं। जैसे डॉक्टर के लिए नीट का एग्ज़ाम होता है, उसमें भी लाखों-करोड़ों लोग अप्लाई करते हैं और कुछ चंद लोग ही उस सीट को हासिल कर पाते हैं। तो उसमें भी ऐसा ही है। 

तो हर व्यक्ति साधना को सिद्ध नहीं कर सकता। उसका कारण यह है, बहुत सारी परीक्षाएं होती हैं, तो उन परीक्षाओं को पार करना संभव नहीं है। मतलब असंभव बात कुछ भी नहीं है, पर आपके अंदर वह जज़्बा होना चाहिए और वह आपके अंदर वह बल होना चाहिए, तभी आप उस चीज़ को कर पाओगे। अगर वह चीज़ आपके अंदर नहीं है, तो आप साधक कैसे बन सकते हैं? 

जब आप तारा की साधना करोगे तो बड़ी-बड़ी चीजें आपको दिखाई देंगी, कुछ डरावने अनुभव भी हो सकते हैं। तो इन सब चैलेंज को पार करने के बाद ही आप इनको सिद्ध कर सकते हो। जब आप सिद्ध कर लोगे तो दो तोले रोज़ सोना मिलेगा, आपकी गरीबी, कंगाली सब खत्म।

दूसरी चीज़ यह है, अब आप बोलोगे कि इसको सिद्ध करना कोई आसान काम नहीं है। हो सकती है सिद्ध, आपके अंदर वह जज़्बा चाहिए। बहुत सारे ऐसे साधकों को मैं पर्सनली जानता हूँ जिन्होंने इनको सिद्ध करा और अपना काम कर रहे हैं। कभी भी उन चीजों का वह शो-ऑफ नहीं करते हैं, कभी भी किसी को बताते नहीं हैं, सीक्रेट तरीके से अपनी ज़िंदगी जीते हैं। 

तो आपको भी अगर सिद्ध हो जाए तो आपको भी लोगों को दिखावा वग़ैरह नहीं करना, अपनी गुप्त तरीके से ज़िंदगी जीनी है। कुछ ऐसे संत-महात्मा भी हैं जो लोग डेली भंडारा लगाते हैं, गरीबों को खाना खिलाते हैं और भी बहुत सारे धार्मिक कार्य करते हैं। तो उनको जो भी पैसा प्राप्त हो रहा है, तो यह उसी साधना की बदौलत ही हो पा रहा है।

दूसरे नंबर के ऊपर, एक बहुत बड़े संत थे, आप सब लोग शायद जानते ही होंगे, उनके मरने के बाद जहाँ उनका आश्रम था, उसके नीचे कई टन सोना निकला। कई टन, मतलब उस सोने को गिनने के लिए भी अधिकारियों को छह से सात दिन लग गए थे, इतना ज़्यादा सोना। तो उनके पास वह सोना कैसे आया? उनके पास जो सोना आया था, यह स्वर्ण तारा साधना के माध्यम से आया था। यह चीजें कोई बताता नहीं है। 

बहुत सारे लोगों को ऐसे ही सोने की चेन दे देते थे, हवा में हाथ हिला के सोने की चेन प्रकट हो जाती थी, वह दे देते थे। तो ऐसे बहुत सारे साधक हैं जो गुप्त तरीके से इस सुवर्ण तारा को सिद्ध करके बैठे हैं और बहुत सारे लोक कल्याण के काम करते हैं। जितना ज़्यादा लोक कल्याण के कार्य करेंगे, भंडारे लगाएंगे, गरीबों की मदद करोगे, उतना ही ज़्यादा साधना आपकी बढ़ती जाएगी।

यह साधना बेसिकली उन लोगों के लिए है जो साधक गरीबों का भला करना चाहते हैं, लोक कल्याण की भावना रखते हैं। तो उन लोगों के लिए, ऐसी भावना रख के जो हैं, उन लोगों के लिए यह साधना है। अपनी समृद्धि से भरी ज़िंदगी जी सकते हैं और साथ में लोक कल्याण भी कर सकते हैं। 

तो हर कोई इस साधना को सिद्ध नहीं कर सकता, हर किसी के बस की बात नहीं है। करने को कर सकता है, पर आपके अंदर वह बल होना चाहिए, आपके अंदर वह जज़्बा होना चाहिए, आपके अंदर वह साधना करने की कैपेसिटी होनी चाहिए, रात-रात भर जागने की कैपेसिटी होनी चाहिए आपके अंदर, वही साधना को कर सकता है। कोई भी साधना ऐसी नहीं है कि आपको ऐसी ही सिद्ध हो जाएगी।

 रात-रात भर जागना पड़ता है, नींद को हराम करना पड़ता है, तब जाकर चीजें हासिल होती हैं। जब हासिल होती हैं, तो बहुत ज़्यादा मज़ा आता है साधक को। साधक की ज़िंदगी एक स्वर्ग में ही हो जाती है।

जैसे मैं साधकों को कुछ जानता हूँ जिनके पास यह सिद्धि थी, जब उनका पैसा आया तो उनका दिमाग खराब हो गया। उनका दिमाग खराब हो गया मतलब उस पैसे का ग़लत इस्तेमाल करने लगे। उसके बाद क्या हुआ? उनका पतन भी हो गया, मतलब कुछ भी नहीं बचा। 

जो भी साधना से मकान, घर, गाड़ी, सारा कुछ खत्म। जो भी आप इस साधना से ग़लत प्रयोग करोगे तो भाई सब खत्म होगा। रावण की सोने की लंका नहीं रही तो आपकी लंका कैसे रहेगी भाई?

एक साधक, अभी थोड़े दिन पहले ना, एक साधक गुरु भाई हैं, तो उनसे मेरी बात होती रहती है, तो वह बता रहे थे एक गुरु भाई है, उसको स्वर्ण सिद्धि प्राप्त हुई है। उसके बाद वह साधक अब की डेट में दुबई भाग गया है, दुबई चला गया है अपने सोने को बेचने के लिए। भाई, वह आलीशान ज़िंदगी वहाँ जीता है। 

यहाँ पर वह इंडिया में एक ट्रस्ट भी चला रहा है, तो वह पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर करता रहता है ट्रस्ट के लिए। तो अगर आप भी अपनी गरीबी, कंगाली को खत्म करना चाहते हैं तो आप यह साधना ज़रूर करें। 

आपको यह साधना ज़रूर सिद्ध होगी अगर आपके अंदर जज़्बा है, आपकी भावना शुद्ध है। अगर बंदे की भावना सही नहीं है, तो उसको कुछ भी प्राप्त नहीं होता है। अगर बंदे की भावना सही है, तो कुछ भी हासिल कर लेगा।

आज के लिए बस इतना ही। जय श्री महाकाल। अगर आप भी यह साधना सीखना चाहते हैं, जानना चाहते हैं, तो इसके लिए मैं आपको अपना फ़ोन नंबर दे रहा हूँ स्क्रीन के ऊपर, तो आप संपर्क कर सकते हैं। जय श्री महाकाल।

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मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/