शीतला मसानी साधना रहस्य मसानियों की रानी बडी़ मसानी रहस्य
शीतला मसानी साधना रहस्य मसानियों की रानी बडी़ मसानी रहस्य ओम नमः शिवाय, जय श्री राम, जय माँ विंध्यवासिनी।आज हम आप लोगों को एक अद्भुत साधना के विषय में बताने वाले हैं। यह साधना है महाशक्ति, बड़ी माता, मसानियों की रानी, भगवती शीतला की।
इस साधना में कोई मिन्नत, मंत्र जाप नहीं करना है और ना ही हवन करना है। इस साधना को करने के पश्चात व्यक्ति के अंदर बहुत सारे परिवर्तन होते हैं, नज़र खुलने लगती है जिसे दृष्टि का खुलना कहते हैं, मन में भाव आने लगते हैं, दूसरे के विषय में जानकारी मिल जाती है।
भगवती शीतला की कृपा प्राप्त होती है, तंत्र बाधा से दूर रहते हो आप, आपके बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं, शत्रु का नाश हो जाता है और आपका यश, गौरव बढ़ जाता है और आपके चेहरे पर चमक आ जाती है।
अर्थात भगवती शीतला जो कि मसानियों की रानी हैं, बड़ी माता हैं, इनकी सिद्धि से क्या संभव नहीं है? फिर आप सोच रहे होंगे आचार्य जी इतनी बड़ी साधना बता रहे हैं लेकिन न तो मंत्र जाप के लिए बोल रहे, न तो हवन के लिए बोल रहे हैं, तो देवी शीतला सिद्ध कैसे होंगी?
देवी शीतला को स्त्री-पुरुष दोनों सिद्ध कर सकते हैं लेकिन जिस प्रकार हनुमान जी की मर्यादा है जो महिलाओं के शरीर पर सवारी नहीं लेते हैं, उसी प्रकार भगवती शीतला की मर्यादा है, वो पुरुषों के शरीर पर सवारी नहीं लेतीं। अर्थात सिद्ध हो जाएंगी, आपका काम करेंगी, आपकी दृष्टि खोल देंगी परंतु पुरुष के शरीर पर सवारी नहीं लेंगी।
हमने कहा कि जाओ माँ के धाम के, उसी धाम में दरबार लगाओ और उनके ही चरण पकड़ के बैठो, सब संभव हो जाता है जब उनकी कृपा मिल जाती है।
जब शीतला दाहिने हों तो किसी तंत्र में किसी की औकात ही नहीं है, सिर्फ माँ विंध्यवासिनी को छोड़कर। अगर शीतला दाहिने हैं तो तंत्र में, पढ़ाई-विद्या में, किसी की औकात नहीं है कि शीतला के भगत को छू दे।
शीतला अगर दृष्टि डाल देती हैं तो कुल का नाश हो जाता है। शीतला वो देवी हैं, अगर अनसुनी पर आ गईं तो गर्भ का बच्चा गिरा देती हैं, जानवर बीमार कर देती हैं और जब धर्म पर आ जाएं तो ये सब कुछ देने में सक्षम हैं। जब अनसुनी हो जाती हैं, मसानी बन जाती हैं, बख्शती नहीं।
जितनी भी महामारी हैं, सब शीतला के अंतर्गत चलती हैं। है जहाँ बहन भवानी, छींकियन माता, रक्ता मणि, पटना धाम, शायर माता, समय माता, तो लोग कहते हैं कि माता हैं, माता कभी गलत नहीं करेंगी। लेकिन माता के लिए तुम पुत्र नहीं हो, जो उनका भगत है वही पुत्र है। उनके लिए सब समान हैं, अगर उनका आदर निकल गया जो रास्ते में आएगा, निपट जाएगा। है तो शीतला, वो महाशक्ति हैं, सब संभव है। जगदंबा शीतला की आराधना से सब संभव है।
कैसे करोगे सिद्धि? आचार्य बोल रहे हैं मंत्र जाप नहीं करना है, हवन नहीं करना है, तो सिद्ध कैसे होंगी? बताएंगे, इसी लेख में बताएंगे, पूरा विधि-विधान बताएंगे। उससे पहले कुछ विशेष सूचना।
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि हम मसान सिद्ध करवा कर दे रहे हैं दो घंटे में और बहुत सारे लोग सिद्ध करके गए, नाम नहीं लेंगे क्योंकि वो लोग निष्ठ पद पर हैं, रेपुटेड हैं। लखनऊ से एक लोग आए थे, बहुत बड़े पद पर थे, उनकी नौकरी जाने वाली थी, २ दिसंबर को मीटिंग थी लेकिन उन्होंने एक ही रात में दो मसान सिद्ध किए थे, दो घंटे में, गंगाराम गोरी और मंसाराम होरी। मसान के दम पे उन्होंने अपनी नौकरी भी बचा ली और नए साल में उनके प्रमोशन के भी योग बने हुए हैं।
ऐसे एक ब्रह्म बाबा की साधना हमारी एक शिष्या ने की, वो अपने दोस्तों के साथ दिल्ली गईं, दरबार में, बालाजी का दरबार था, वहां पर सब पूछ रहे थे तो हमारी शिष्या ने कौतूहलवश पूछ लिया तो बताए, दो चीज दिख रही है, एक चीज नहीं समझ में आ रही है, एक चीज और है, उसको पकड़ने की कोशिश की, लेने की कोशिश की, दरबार वाले थक-हार के उल्टा हमारे शिष्य के, जिसके यहां हजार लोग, दो-चार सौ लोग रोज आकर काम करते हैं, जो देख के ही भूत-वर्तमान बताते हैं, जो हमारी शिष्या के सामने छिप गए।
नाम नहीं लेंगे क्योंकि वह भी किसी गुरु पद पर हैं। अब बोले कि क्यों आज तक जीवन में नहीं हुआ कि मैं शक्तियों को खींच लेता था, हनुमान जी महाराज खींच लेते थे, आज ऐसा कैसे हो गया कि हम किसी को पकड़ नहीं पा रहे हैं ? कितने साल से हो साधना में ?
बोले फरवरी से जुड़ा हूं लेकिन गुरु जी से मिला था एक दिन, गुरु जी ने हाथ रखा था एक बार, माँ के दरबार में लेके गए और हमें मंत्र दे दिए कुछ जपो। तो ज्यादा किया ही नहीं हूं, ज्यादा से ज्यादा दो-तीन महीने का अनुभव है। वो गुरु खुद उनके सामने घुटने टेक दिए क्योंकि अगर ब्रह्म और दूत होते तो उनको उठा ले जाते, उल्टा उनके देवता तक गए क्योंकि उसके पीछे हमारी गुरुवासिनी लगी थी।
हम अपने शिष्यों को कहते हैं कि हमारे हो, विश्वास पूरा है और माँ जगदंबा महिषासुर मर्दिनी विंध्यवासिनी के ऊपर विश्वास पूरा है तो डरना मत।
औघड़, फलाना-धिमाका तांत्रिक, भगत जो होगा सब देख लेंगे चाहे वो दरबार लगाने वाले होंगे, धर्म में रहना, गलत मत करना, डरना मत। जो भी होगा देख लेंगे, तुम्हारा कोई कुछ भी नहीं कर पाएगा।
ये मसान नहीं बनेगा, आपका नुकसान नहीं करेगा, आपके लिए काम करेगा और काम करने के बाद वापस घाट पर चला जाएगा। आपके घर पे नहीं आएगा, जब संकट देखेगा तभी आपके घर पर आएगा। मसानधारी होते हैं, गुणी होते हैं, तंत्र क्रियाओं के जानकार होते हैं। ये योग-प्रयोग से आपका काम सफल करवा देते हैं।
, जीवन में इन्होंने सिद्धियां की हैं और हम जब मसान सिद्ध करते हैं तो एक नहीं, एक साथ में दो मसान सिद्ध करवाते हैं, एक साथ में दोनों साथ।
तो जिनको भी मसान सिद्धि करना है, मसान साधना उनके लिए जो रियल एस्टेट से ताल्लुक रखते हैं, जो शेयर मार्केट से ताल्लुक रखते हैं, उनके लिए मसान साधना रामबाण है। इसकी साधना करो, उपयोग करो, राम जी का नाम लेते रहो।
बाद में एक अवस्था के बाद जब इच्छा न हो तो इनको गंगा जी ले जाइए, कमर भर पानी में बाख की लकड़ी लीजिए, जो मंत्र गुरु ने आपको दिया है, उस मंत्र को जाप कीजिए, इनको बुलाइए और बाख की लकड़ी को काट के इनसे अलग हो जाइए, झंझट खत्म।
कुछ लोग कहते हैं कि मसान साधना क्यों करते हो? गीता में श्री कृष्ण भगवान ने कहा यदि छल का आशय धर्म है तो छल भी धर्म है। ये सिद्धियां विनाशकारी हैं, गुरु अच्छे नहीं हैं कि वो मसान बनी हैं या उनको बनाया जा रहा है, आपका काम नहीं है। जीवन में दुख, कचरा है तो कचरे को सोने से नहीं उठाया जाता कि कचरे के लिए हम सोने से उठाएंगे।
वो कचरा है, उसे साफ करने के लिए झाड़ू का उपयोग किया जाता है। इनका उपयोग कर लेना चाहिए, गलत नहीं करना चाहिए, गलत करना हमेशा गलत होता है।
तो अब आते हैं माता शीतला के विषय में। एक लोटा पानी लीजिए, उसमें पक्की धार डालिए, दो लौंग डालिए, एक फूल डालिए, हाथ में सात अगरबत्ती लीजिए। नहाने के तुरंत बाद शरीर गीला रहे, नीम के पेड़ पर एक लोटा धार माँ शीतला के नाम से डालिए, सात अगरबत्ती जलाइए और उसी मिट्टी को माथे पर लगाइए।
न तो मंत्र जाप, न तो माला जाप, न करो हवन, इतना करिए लगातार एक नवरात्र से एक नवरात्र तक और दिन में एक बार पचरा जरूर भगवती के लिए गाइए, उन्हें पचरा बहुत पसंद है। परिवर्तन आँखों से देखोगे, कानों से सुनोगे, अपने जीवन में परिवर्तन होता देखोगे, ये हम कह रहे हैं।
आज के लिए इतना ही, शीतला माँ की सेवा कीजिए, भक्ति कीजिए, बड़ी माता की, मसानियों की रानी की, जगदंबा आदिशक्ति शीतला की, जीवन से दुख दूर होने लगेंगे। आज के लिए इतना ही, जय श्री राम।






