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माँ कमला महाविद्या साधना विधि विधान गरीब और कंगाली ख़तम होगी ph.85280 57364 दोस्तों, हमारी वेबसाइट गुरु मंत्र साधना डॉटकॉम पर आपका एक बार फिर से हार्दिक स्वागत है। देखिए, आज मैं आपके सामने इस लेख के माध्यम से जो साधना बताने वाला हूँ, वह दस महाविद्याओं में दसवें नंबर पर जो महाविद्या की साधना आती है, वह माता कमला की साधना है। लक्ष्मी जी के बहुत रूप बताए गए हैं और एक नाम उनमें से दस महाविद्याओं में कमला के नाम से जाना जाता है। यह माता लक्ष्मी की ही साधना है, जो कि दशमहाविद्या में आती है।

 कमला महाविद्या साधना – की साधना क्यों करें?

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अगर आपके साथ में किसी भी प्रकार से आपके कारोबार में समस्या है, आपको अचानक से धन प्राप्ति की कामना है कि कहीं से आपकी लॉटरी लग जाए, कहीं से आपके लिए गड़ा धन मिल जाए, या कहीं से आपको बहुत सारा धन एकदम से अचानक से आपको कहीं से भी मिल जाए, किसी भी प्रॉपर्टी का, कहीं से भी, किसी भी रूप में आपको मिले, तो आपको माता कमला की साधना जरूर करनी चाहिए।

कमला महाविद्या साधना  के लाभ

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यह साधना करने से आपकी आर्थिक उन्नति होगी, आपके कारोबार में किसी प्रकार की समस्या हो, तो उसमें समस्या का निदान होता है। दूसरा, आप जो नौकरी करते हैं या कोई भी व्यवसाय है, उसमें आपको लगातार वृद्धि मिलती है।

कमला महाविद्या साधना अन्य लक्ष्मी साधनाएं

वैसे तो देखिए, मैंने और भी बहुत सारी साधनाएं लक्ष्मी जी की बताई हैं। साबर मंत्रों के द्वारा भी मैंने लक्ष्मी की साधना बताई है और अष्टलक्ष्मी साधना भी मैंने आपको बताई है। 

अष्ट लक्ष्मी की साधना भी बहुत अच्छी साधना है, जो कि नवरात्रि से लेकर के और दीपावली तक के टाइम में आप लगातार कर सकते हैं। और साधना देखिए, कभी भी की जा सकती है, किसी भी शुक्रवार से भी की जा सकती है। 

वह और बहुत ही अच्छी साधना है। जिन्होंने इस साधना को किया है, वास्तव में उनको बहुत अच्छा अनुभव भी मिला है और बहुत अच्छे उनके रोजगार या कारोबार, जो भी उनकी समस्याएं थीं, बिल्कुल एकदम सॉल्व हो गईं।

कमला महाविद्या साधना की शक्ति
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और माता कमला की साधना भी इसी तरह की साधना है। क्योंकि अगर आप किसी भी प्रकार से कोई भी आपको अकस्मात धन, जैसे कि बहुत से लोग बोलते हैं कि हमें लॉटरी का नंबर चाहिए, लॉटरी या फिर उसमें सफलता मतलब किसी भी प्रकार से आप अगर कोई भी ऐसा कार्य करते हैं जिसमें कि आपको धन चाहिए, तो आप हंड्रेड परसेंट आपको इस साधना से जरूर सफलता मिलेगी। क्योंकि यह दस महाविद्या, महाविद्या की साधना बहुत तीव्र, बहुत जल्दी से फल आपको प्राप्त होगा।

कमला महाविद्या साधना समस्याओं का निवारण
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अब देखिए, जो यह लोग महाविद्या की साधना करते हैं, उनके घर में भी अगर किसी भी प्रकार की कोई भी त्रुटि है, कि आपके घर में पितृदोष या फिर और दूसरे दोष आपके जीवन में जो पिछले जन्म से जो आपके साथ में आपके पाप जुड़े हुए हैं, उनकी वजह से आपके सामने समस्याएं खड़ी होती हैं, या इस जन्म के पापों की वजह से समस्याएं खड़ी होती हैं.

 तो या फिर किसी के किए-कराने से, जैसे कि मान लिया कोई किसी के घर पर या किसी भी व्यक्ति पर जादू-टोना करके उसके कारोबार को बर्बाद कर देते हैं, या चलता हुआ कारोबार अचानक से बर्बाद हो जाए, तो यह कमला माता की साधना, जो महाविद्या साधना है .

यह सभी कार्यों में आपको सफलता देती है और आपको एक पूर्णता की तरफ ले जाती है। गृहस्थी जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण साधना है कमला की साधना। क्योंकि माता लक्ष्मी का दूसरा नाम कमला भी कहा गया है।

कमला महाविद्या साधना कब करें ?

तो देखिए, यह साधना आप नवरात्रि में कर सकते हैं, नवरात्रि से आप शुरू कर सकते हैं, या फिर आप किसी भी शुभ दिन से शुरू कर सकते हैं, जैसे होली, दीपावली, दशहरा, जन्माष्टमी, इनसे भी आप शुरू कर सकते हैं। और अगर ऐसा कोई दिन बीच में नहीं है, तो फिर आप किसी भी शुक्रवार से यह साधना शुरू कर सकते हैं।

कमला महाविद्या साधना के लिए आवश्यक सामग्री

अब इस साधना के लिए जो आपको सामग्री चाहिए, वह मंत्र सिद्ध और प्राणप्रतिष्ठायुक्त होनी चाहिए। इसमें आपको कमला यंत्र और स्फटिक की माला भी आप इसमें ले सकते हैं, मूंगे की माला भी इसमें चल जाती है। 

तो आपको दोनों में से कोई भी एक माला हो तो चलेगी। जप के लिए माला होनी चाहिए और एक रक्षा माला होनी चाहिए, ठीक है? और एक सम्मोहन गुटिका। यह चार सामग्रियां इसमें लगेंगी, जो कि मंत्र सिद्ध और प्राणप्रतिष्ठायुक्त होनी चाहिए।

कमला महाविद्या साधना सामग्री कैसे प्राप्त करें?

और यह चारों सामग्रियां आप प्राप्त कर सकते हैं। मैंने व्हाट्सएप नंबर दिया हुआ है इस लेख में ही, आप वहां से मुझे व्हाट्सएप करें और उसके लिए आप आर्डर कर सकते हैं और सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। देखिए, सामग्री आपको कोरियर से ही मिलेगी या स्पीड पोस्ट से मिलेगी, पेमेंट आपको पहले ही करनी होती है उसकी। 

और कोई भी व्यक्ति यह न समझे कि हमने पैसा दे दिया तो हमारा पैसा कहीं डूब न जाए या फिर हमें सामग्री न मिले, ऐसा आपके साथ में बिल्कुल नहीं होगा, हंड्रेड परसेंट। 

और जिन लोगों को सामग्री मिल गई है और जो साधना कर भी रहे हैं, आप तो शायद पहली बार लेंगे, लेकिन जो लोग पहले ले चुके हैं, तो वह कई बार उन्होंने सामग्री ले भी ली है।

 उन्हें पता है कि यहां से सामग्री मिल जाएगी और वह आपको यदा-कदा इस लेख के कमेंट में भी आपको बताते रहते हैं कि भई सामग्री हमें मिल गई है, हमें जरूर मिलती है सामग्री। 

यहां एक नंबर से ही काम होता है, यहां पर कोई फ्रॉड नहीं होता। ऐसा यह जो कमेंट है, कमेंट में भी ऐसा बहुत से जो व्यूअर्स हैं, वह बोलते हैं और उनको मिली है, उनको पता है, तो इसलिए वह लिख करके भी दूसरे लोगों को बताते हैं।

कमला महाविद्या साधना जीवन का दृष्टिकोण

और देखिए, बहुत से लोग तो खैर हर तरह के व्यक्ति, उनका तो कहना ही क्या है! कि जो लोग चतुराई से चलते हैं, मैं आपको एक सीधी बात बताता हूँ कि जो लोग चतुराई से चलते हैं कि हम ऐसा करेंगे तो ऐसा होगा, ऐसा करेंगे तो ऐसा होगा, वह लोग जीवन में प्राप्त नहीं कर पाते कुछ भी।

 आप बिल्कुल एकदम सीधे रास्ते से चलिए। बिल्कुल यह कहना कि वह व्यक्ति बहुत सीधा है, ज्यादा तिकड़मबाजी या फिर कोई दूसरी चीज नहीं है कि वह किसी के साथ में धोखाधड़ी ऐसा कुछ करे, वह व्यक्ति वास्तव में बहुत सही रहता है, शांत मन से रहता है .

 भगवान की कृपा उस पर जरूर होती है। और जो यह कहते हैं कि धोखेबाज हो, तरह-तरह के षड्यंत्र रचते हो, उस व्यक्ति को जीवन में कुछ नहीं मिलता, सिर्फ धोखा ही मिलता है।

कमला महाविद्या साधना की विधि

खैर, चलिए, यह साधना आपको नवरात्रि के दिनों में भी कर सकते हैं और नौ दिन के लिए साधना कर सकते हैं इसको। नवरात्रि में केवल नौ दिन, आगे भी आप इस साधना को बढ़ा सकते हैं, 15 दिन भी कर सकते हैं, 21 दिन भी कर सकते हैं, ठीक है? और रात्रि को 9:00 बजे के बाद ही आपको यह साधना शुरू करनी है।

कमला महाविद्या साधना तैयारी

आपको क्या करना है कि आप यह सामग्री लेकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और लाल रंग के वस्त्र धारण कर लें तो बड़ी अच्छी बात है, क्योंकि माता को लाल रंग पसंद है। सफेद रंग के वस्त्र भी धारण कर सकते हैं। तो स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें और घर के ही किसी भी एकांत कमरे में कर सकते हैं या फिर अपने पूजा घर में भी आप इस साधना को कर सकते हैं। इसमें किसी भी अवधि में किसी प्रकार के डरने की आवश्यकता नहीं है।

कमला महाविद्या साधना आसन और पूजा स्थल

आप साधना कक्ष में पूर्व दिशा की तरफ़ अपना मुंह करके बैठेंगे और लाल रंग का आसन आप अपने लिए रख लेंगे नीचे बैठने के लिए। सामने जो आपकी चौकी है, उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें और एक तांबे की जो प्लेट है, उसमें एक कमल का फूल जरूर रखें, क्योंकि कमला की साधना है, तो इसलिए माता लक्ष्मी को कमल का फूल सर्वाधिक प्रिय है, तो वह कमल का फूल आप जरूर रखें उसमें, ठीक है?

कमला महाविद्या साधना पूजा की अन्य वस्तुएं

और घी का दीपक, शुद्ध घी का दीपक जलाएं, अगरबत्ती, धूपबत्ती जो भी आपके पास है सुगंधित, वह जलाएं। इत्र भी आप चढ़ा सकते हैं इसमें, क्योंकि लक्ष्मी जी को इत्र चढ़ाया जाता है। साथ ही, चावल भिगो के रख लें, कुछ भी आप मिष्ठान घर में बना करके रख सकते हैं। एक कटोरी में आप रख सकते हैं वह। और सुगंधित पुष्प हो गए, सिंदूर या रोली या कुंकुम जो भी आपके पास है टीका लगाने के लिए, वह भी आप इसमें ले लें।

कमला महाविद्या साधना श्रृंगार का सामान

अब आपको क्या करना होगा कि जब भी आप यह सारी सामग्रियां रख लेंगे, तो आप कमला माता के लिए आप श्रृंगार का सामान भी रख सकते हैं। देखिए, जैसे कि स्त्रियों के श्रृंगार का सामान होता है, वह भी आप रख सकते हैं। 

वह पैकेट बना-बनाया आता है या फिर आप ले लीजिए, दुकान से मिल जाता है, तो वह भी आप रख सकते हैं माता को प्रसन्न करने के लिए। और सामने ही अपने गुरु की तस्वीर, भगवान शिव की तस्वीर और कमला माता यानी कि लक्ष्मी जी की आप तस्वीर जरूर रखें।

कमला महाविद्या साधना पूजन विधि

अब आपको क्या करना होगा, जो आपकी सामग्री है, जैसे यंत्र हो गया, जप की माला, रक्षा माला और सम्मोहन गुटिका, तो आप क्या करेंगे, सबसे पहले आपको भगवान श्री गणेश का पूजन करना है। “वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥”

 हाथ जोड़कर के भगवान श्री गणेश से प्रार्थना करें कि हे गणेश प्रभु, मैं यह कमला माता की साधना करने जा रहा हूँ और इस साधना में मुझे पूर्ण सफलता मिले और हर प्रकार से आप मेरी रक्षा करें। 

इतना कहकर भगवान गणेश जी को सिंदूर का टीका लगाएं, चावल चढ़ाएं, पुष्प चढ़ाएं, धूप-दीप दिखाएं। मंत्र बोलते हुए दिखा सकते हैं, “श्री गणेशाय नमः पुष्पं समर्पयामि, श्री गणेशाय नमः अक्षतान् समर्पयामि, श्री गणेशाय नमः धूपं समर्पयामि।”

 इस तरीके से बोल करके आप सारी चीजें कर सकते हैं, ठीक है? और भगवान श्री गणेश का जो मंत्र है, उनको सर्वाधिक प्रिय मंत्र है, “वक्रतुंडाय हुम्”। इस मंत्र का एक माला का जप जरूर करें और यह आप रुद्राक्ष की माला से ही कर सकते हैं, ठीक है?

 गुरु पूजन

जब भगवान श्री गणेश की आप पूजा-अर्चना कर लें, उसके बाद आपको अपने गुरु की पूजा करनी है। हाथ जोड़कर के प्रार्थना करें और “त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव। त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देव देव॥” आप इस श्लोक को बोलकर, जो भी आपके गुरु हैं, उनका चित्र सामने होना चाहिए।

 और अगर भगवान शिव को गुरु माना है, तो भगवान शिव की तस्वीर, नारायण को गुरु माना है, तो नारायण की तस्वीर सामने रखें, जिसको भी आपने गुरु माना है। 

और आपके पास गुरु चित्र है, तो आप उसी की तस्वीर रखें। और अगर मेरे गुरु भाई हैं, तो डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी की तस्वीर सामने रखें और उसके बाद आपको पूजन करना है। इसी तरीके से, जैसे कि मान लिया मेरे गुरु भाई हैं, तो वह क्या करेंगे, “ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः, पुष्पं समर्पयामि।” इस तरीके से पुष्प, चावल, धूप-दीप, सिंदूर का टीका, गुरु जी को, यह सब आप उनको अर्पण करेंगे। 

छोटा सा पूजन करने के बाद आपको गुरू मंत्र का एक माला का जप जरूर कर लेना है और रुद्राक्ष की माला से ही कर सकते हो, ठीक है? जो रुद्राक्ष की माला है, वह मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठायुक्त होनी चाहिए। अगर आपको ऐसी माला भी चाहिए, तो आप ले सकते हैं, आपको मिल जाएगी वह माला भी, ठीक है?

 और जिन साधकों ने किसी दूसरे को गुरु माना है, उनके पास गुरू मंत्र है, जैसे कि वह गोरखनाथ को भी बहुत से लोग गुरु मानते हैं, उनका गुरू मंत्र है, तो वह उसी गुरू मंत्र का जाप करेंगे और उन्हीं का पूजन करेंगे। 

भगवान शिव को आपने गुरु माना है, तो आप भगवान शिव का पूजन उसी प्रकार से करेंगे, “ॐ नमः शिवाय” बोलते हुए और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का ही आपको जप करना है, एक माला का जप रुद्राक्ष की माला से कर सकते हैं। 

और गुरुजी से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि गुरुदेव, मैं यह साधना करने जा रहा हूँ और इस साधना में मुझे पूर्ण सफलता मिले, ऐसा मुझे आप आशीर्वाद दीजिए।

H4: बटुक भैरव पूजन

उसके बाद आपको भगवान बटुक भैरव का पूजन करना है। मानसिक रूप से आप उनका पूजन कर सकते हैं, अगर फोटो नहीं है तो। फोटो है तो बड़ी अच्छी बात है, सामने फोटो है तो उनका भी पूजन इसी प्रकार से करेंगे। और एक माला का जाप आपको इस मंत्र का जरूर करना है, “ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ”। इस मंत्र का आपको जप करना है और इसी मंत्र को आप बोल करके आप उनका पूजन कर सकते हैं, जैसे कि पुष्प चढ़ाना हुआ, धूप-दीप दिखाना हुआ, यह सब कर सकते हो, ठीक है?

कमला महाविद्या साधना का पूजन

अब इसके बाद आपको क्या करना है कि जो माता कमला की या माता महालक्ष्मी की जो तस्वीर रखी हुई है, उस तस्वीर का भी पूजन आपको इसी प्रकार से करना है, ठीक है? अब उसके लिए आपको माता महालक्ष्मी का कोई भी मंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे “ॐ श्रीं लक्ष्म्यै नमः”। इस प्रकार से भी आप बोल सकते हैं।

 जैसा कि देखिए, भगवान का पूजन करने के लिए, माता का पूजन करने के लिए आपकी श्रद्धा होनी चाहिए। श्रद्धा सबसे पहले, श्रद्धा-भाव, विश्वास सबसे पहले। 

अगर यह नहीं है, तो फिर साधना व्यर्थ है, सीधी सी बात है। पूजन करेंगे और जो प्लेट में आपने, तांबे की प्लेट हो या स्टील की प्लेट हो, उसमें आपने जो कमल के पुष्प हैं, कमल की पंखुड़ियों को तोड़ करके और बिछा देंगे और उस पर आपको कमला यंत्र को स्थापित कर देना है। 

और उसके बाद कमला यंत्र के ठीक ऊपर ही आपको सम्मोहन गुटिका जो है, वह स्थापित कर देनी है। और आपको फिर पूजन करना है, कमला यंत्र का पूजन करेंगे, धूप से, दीप से, चावल से, कुमकुम से टीका लगाएंगे और प्रसाद के लिए आप थोड़ी सी कटोरी में कोई भी मिष्ठान अगर आप रख सकते हैं माता के लिए, ठीक है?

कमला महाविद्या साधना में रक्षा विधान

जब आप यह पूजन कर लेंगे, पूजन करने के बाद फिर आपको एक रक्षा माला जो मैंने आपको दी है, उस रक्षा माला को अपने गले में धारण कर लेंगे। और एक मंत्र का आपको जप करेंगे, जिसमें आप रक्षा बंधन करेंगे। उल्टे हाथ में चावल ले करके और सीधे हाथ से सभी दिशाओं में चावल फेंकते हुए आपको मंत्र बोलना है, “ॐ अपसर्पन्तु ये भूता ये भूता भूमि संस्थिता। ये भूता विघ्नकर्तारस्ते नश्यन्तु शिवाज्ञया॥ अपक्रामन्तु भूतानि पिशाचाः सर्वतो दिशम्। सर्वेषामविरोधेन पूजाकर्म समारभे॥” इस मंत्र का जाप करते हुए और सभी दिशाओं में, यानी अपने चारों तरफ कमरे में चावल आपको फेंक देने हैं। यह एक बहुत ही तीव्र और शक्तिशाली रक्षा विधान है।

कमला महाविद्या साधना में विनियोग

जब आप ऐसा कर लेंगे, करने के बाद आपको हाथ में जल लेकर के और विनियोग करना है। और मैं यह सब जो आपको बता रहा हूँ, यह सब मैं आपको लिख करके और इस लेख में ही दे दूंगा। हाथ में जल लेकर के, कुछ जल लेकर के सीधे हाथ में और आपको बोलना है, “ॐ अस्य श्री महालक्ष्मी मंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, निचरत् छन्दः, श्री महालक्ष्मी देवता, श्रीं बीजं, ह्रीं शक्तिः, ऐं कीलकं, श्री महालक्ष्मी प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः।” यह बोलते हुए आपको यह विनियोग करना है और जल को पृथ्वी पर छोड़ देना है।

कमला महाविद्या साधना में न्यास

अब उसके बाद आपको क्या करना कि बाएं हाथ में जल लेकर के और दाहिने हाथ की सभी उंगलियों को उसमें जल से छुआ करके और पांचों उंगलियों को और मंत्र उच्चारण करते हुए अपने अलग-अलग अंगों का स्पर्श आपको करना है। और मन में आपको भावना देनी है कि यह सभी मेरे अंग तेजस्वी, पवित्र हो रहे हैं। और ऐसा करने से आपके जो अंग हैं, उनमें प्राण चेतना आ जाती है। तो यह ऋष्यादि न्यास है।

 इसमें आप बोलेंगे, “ब्रह्मर्षये नमः शिरसि” (अपने सिर को स्पर्श करेंगे), “निचरत् छंदसे नमः मुखे” (अपने मुख को स्पर्श करेंगे), “श्रीमहालक्ष्मी देवतायै नमः हृदि” (अपने हृदय को स्पर्श करेंगे), “श्रीं बीजाय नमः गुह्ये” (गुप्तांगों को स्पर्श करेंगे), “ह्रीं शक्तये नमः पादयोः” (दोनों पैरों को स्पर्श करेंगे), “ऐं कीलकाय नमः नाभौ” (नाभि को स्पर्श करेंगे), “विनियोगाय नमः सर्वांगे” (पूरे शरीर को स्पर्श करेंगे)।

कमला महाविद्या साधना  में  करन्यास

उसके बाद आपको करन्यास करना है। अपने दोनों हाथों की अंगूठे से अपनी उंगलियों के जो विभिन्न उंगलियां हैं, उनको स्पर्श आपको करना है। ऐसा करने से उंगलियों में प्राण चेतना प्राप्त होती है। “श्रां अंगुष्ठाभ्यां नमः, श्रीं तर्जनीभ्यां नमः, श्रूं मध्यमाभ्यां नमः, श्रैं अनामिकाभ्यां नमः, श्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः, श्रः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः।” इस प्रकार से करते हुए आपको करन्यास करना है।

कमला महाविद्या साधना में  हृदयादि न्यास

उसके बाद हृदयादि न्यास करना है। आपको क्या करना है कि दोबारा से अपने उल्टे हाथ में थोड़ा जल लेकर के, पांचों उंगलियों को एक साथ में समूह बना करके, जोड़कर और उनको उसमें पानी में लगा करके और पांचों उंगलियों से ही आपको अपने शरीर के विभिन्न अंगों को स्पर्श करना है। 

और मन में भावना करनी है कि मेरे सभी अंग तेजस्वी, पवित्र होते हैं, जिससे कि आप सभी अंग शक्तिशाली हों, उनमें चेतना प्राप्त होगी। “श्रां हृदयाय नमः” (अपने हृदय को स्पर्श करें), “श्रीं शिरसे स्वाहा” (अपने जो सिर है, उसको स्पर्श करेंगे), “श्रूं शिखायै वषट्” (अपनी शिखा को स्पर्श करेंगे), “श्रैं कवचाय हुम्” (दोनों कंधों पर स्पर्श करेंगे), “श्रौं नेत्रत्रयाय वौषट्” (अपने नेत्रों को स्पर्श करेंगे), “श्रः अस्त्राय फट्” (अपने पूरे शरीर पर आपको सीधा हाथ घुमाकर के चारों दिशाओं में आपको चुटकी बजानी है, सिर के ऊपर से), ठीक है?

कमला महाविद्या साधना में ध्यान और मंत्र जाप

और फिर उसके बाद आपको माता का ध्यान करना है। हाथ जोड़कर के माता भगवती से प्रार्थना करें कि हे मां, मैं आपका पूजन कर रहा हूँ और इस प्रकार से आपको जो यंत्र है, उसका भी आपने पूजन कर ही चुके हैं। 

और मैं आपके जो मंत्र का जाप कर रहा हूँ और मुझे इसमें आप सफलता प्रदान करना। और इसके साथ ही अगर मुझसे कोई गलती हो तो मुझे क्षमा करना। और उसके बाद आपको क्या करना है कि जो आपकी जप की माला है, उस जप की माला से आपको मंत्र जाप शुरू कर देना है।

कमला महाविद्या साधना में मंत्र

और जो मंत्र का आपको जप करना है, वह मैं आपको बता देता हूँ। मंत्र इस प्रकार से है: “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं ह्सौः जगत्प्रसूत्यै नमः।”

कमला महाविद्या साधना  में जाप की संख्या

इस मंत्र का आपको जप करना है और यह मंत्र का जाप आप 21 माला प्रतिदिन आपको करनी है। आप चाहें तो ज्यादा भी कर सकते हैं, 51 माला का भी कर सकते हैं, ठीक है? अपनी श्रद्धा के अनुसार करें, जितनी देर बैठ सकते हैं। ऐसा नहीं है कि आप बैठ जाएं और फिर कमर दुखने लगे, पैर दुखने लगे, उसमें मंत्र जप करने का कोई फल भी प्राप्त नहीं होता है।

तो इसलिए केवल उतने मंत्रों का जाप करें, जितना आप आराम से बैठ सकें। अगर आप 11 माला का जप करते हैं, तो फिर 11 माला का भी कर सकते हैं आप। साधना को लगातार करें, फिर देखिए आपको जरूर फल तो मिलना ही मिलना है, निश्चित रूप से।

और कहते हैं कि अगर आपने सवा लाख मंत्रों का जाप कर लिया या डेढ़ लाख मंत्रों का लगातार आपने जाप किया, तो आपको साक्षात माता के दर्शन भी हो सकते हैं। यह भी हंड्रेड परसेंट सच है कि माता के दर्शन आपको जरूर हो सकते हैं, अगर आप एक तो लगातार आप साधना करते हैं। और यह आपके ऊपर डिपेंड है कि आप किस प्रकार से साधना करना चाहते हैं, ठीक है?

कमला महाविद्या साधना  में माला का चयन

तो देखिए, इसमें मैंने आपको जो माला बताई, माला आप स्फटिक की भी आप ले सकते हैं, इसमें मूंगे की माला भी चल जाती है, इसमें कमलगट्टे की भी चल जाती है, ठीक है? तीनों मालाएं चल जाती हैं। अगर आपको प्राण प्रतिष्ठित करके मेरे यहां से कोई भी तीनों में से एक माला मिलती है, तो आप उसको ग्रहण करेंगे, ठीक है?

कमला महाविद्या साधना के नियम और अनुभव

और इस मंत्र की जब साधना करेंगे, जब तक, तब तक आपको ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना है। यह नियम के सिद्धांत का पालन करना है। अब मैं आपको एक चीज बता दूं, धर्म के सिद्धांत का पालन करने के लिए आप सिर्फ यह सोचें कि आपको किसी का दिल नहीं दुखाना है, बस बात खत्म। सारी चीजें उसी के अंदर आ जाएंगी। आपके कुछ कार्य करने से किसी दूसरे व्यक्ति का दिल न दुखे, बस और कुछ नहीं करना है आपको, सिर्फ इस चीज का ध्यान रखना है।

कमला महाविद्या साधना संभावित अनुभव

अब इसमें जो आपके सामने अनुभव आ सकते हैं, वह आपके सामने सेम उसी तरीके से आ सकते हैं जैसे कि आपके एक योगिनी साधना में आते हैं या फिर अप्सरा साधना में आते हैं, ऐसे अनुभव आपके सामने आ सकते हैं। तो इसलिए विचलित होने की आवश्यकता नहीं है, साधना आपको कंटिन्यू जारी रखें, ठीक है?

कमला महाविद्या साधना के उपरांत

तो यह साधना बहुत महत्वपूर्ण साधना है जो मैंने आज आपको बताई है। इसमें किसी प्रकार की कोई भी आशंका न करें। जब आपकी साधना पूरी हो जाए, तो इस साधना सामग्री को आप अपने घर पर ही रखें और यदा-कदा आप इसका पूजन करते रहें। यह आपको कहीं विसर्जित करने की आवश्यकता नहीं है, ठीक है?

कमला महाविद्या साधना समापन

इसी के साथ मैं अपने इस लेख को यहीं पर समाप्त करता हूँ। तो मेरे साथ बोलिए, बोलिए वीर बजरंगबली हनुमान जी महाराज की जय! बोलिए मेरे परमहंस गुरुदेव की जय!

note बिना गुरु के न करे अच्छे विद्वान् गुरु के देख रेख में सीख कर करे