मातंगी महाविद्या साधना का रहस्य तांत्रिक और कथा माता की

मां मातंगी तांत्रिक सरस्वती हैं। मातंगी, मां मातंगी। कौन से खास तरीके हैं जिससे मां मातंगी की पूजा करें? मूंगे की माला को आप इस नवरात्रि में सिद्ध कर सकते हैं।
मां मातंगी से कौन सा प्लैनेट जुड़ा हुआ है? मातंगी से सन जुड़ा है, सूर्य। ओके। क्या माता की कृपा जब मिलने लगती है मातंगी की, तो कुछ खास तरीके के इंसिडेंट आपकी लाइफ में होने लगते हैं? सबसे पहले तो आपको चैनलिंग होने लगेगी।
जब आपके अंदर कॉन्फिडेंस और पावर आने लगे, समझ जाइए कि मां मातंगी आपने, उनकी कृपा आप पर हो गई। मां सरस्वती की पूजा करना और मां मातंगी की पूजा करना में अंतर कितना है? मां मातंगी की पूजा जो एक्सीलरेटेड फॉर्म है, आपके नीचे स्केट्स लग गए हैं।
अब आप बिल्कुल तेजी से भाग सकते हैं। लेकिन इसमें यह भी एक जरूरी है कि हमें केयरफुल रहना है। बहुत लोग 10 महाविद्या से डर जाते हैं, उनको लगता है ये बड़े उग्र फॉर्म हैं, क्या हो जाएगा?
म्यूजिशियन है कोई, उसका बेटा भी सिंगर है। फैमिली में चेन में चली आती है सेम इंडस्ट्री में, क्या वो मां मातंगी की कृपा की वजह से हो रहा है? बिल्कुल।
तंत्र सब सक्सेसफुल लोग करते हैं। बड़े-बड़े लोग जो बड़े-बड़े पदों पर होते हैं, वो भले ही बाहर जाकर शो ऑफ करते हैं कि नहीं ये सब उनकी खुद की प्रैक्टिस की वजह से है, बट वो कहीं ना कहीं तंत्र हेल्प लेते हैं।
बिल्कुल लेते हैं। मेरे से हेल्प लेते हैं। जब तक आपकी इंटेंशन अच्छी है, तंत्र को यूज करना गलत नहीं। है।
मातंगी महाविद्या साधना – परिचय
हेलो, हाई, वेलकम। मैं हूं आपके साथ तुषार कौशिक। गुरु मंत्र साधना डॉटकॉम पर आज का पोस्ट दश महाविद्याओं की सीरीज में सबसे ज्यादा इंटरेस्टिंग है क्योंकि मैं जो पोस्ट लिख रहा हूं या जो मेरा प्रोफेशन है, वह इन्हीं महाविद्या से जुड़ा हुआ है। आज की जो देवी रहेंगी, आज का जो 10 महाविद्याओं में रूप है, वो है मां मातंगी का।
मां मातंगी के बारे में जो मुझे बताया गया आज के इस पोस्ट में, वो यह है कि यह मां सरस्वती का तांत्रिक फॉर्म है।
यानी कि अगर मां सरस्वती की कृपा आपको एक्सीलरेशन के मोड में चाहिए, अगर आपको तंत्र के जरिए मां सरस्वती से कनेक्ट करना है, तो आपको मां मातंगी की पूजा करनी चाहिए।
और इस सीरीज को लगातार हम गुरु मंत्र साधना डॉटकॉम पर कर रहे हैं डॉक्टर मनमीत के साथ। तो आइए, आज के इस पोस्ट को हम शुरू करते हैं और डॉक्टर मनमीत से जानना शुरू करते हैं मां मातंगी के बारे में।
आज की जो यह सीरीज है दश महाविद्याओं की, इसमें हम बात करेंगे आज मां मातंगी पर। और क्योंकि लगातार यह सीरीज बहुत पॉपुलर होती जा रही है और जितने भी पाठक हैं, वो कह रहे हैं कि अगला पोस्ट कब आएगा या अगली देवी के बारे में कब पता लगेगा।
तो आज मां मातंगी की बात करते हैं। रीजन बिहाइंड इट, जितना मैंने समझा, जितना मैंने पढ़ा, बाकी तो आप बताएंगी कि मां मातंगी जो हैं, वो परफेक्शन की देवी हैं।
वो स्किल्स की भी देवी कह सकता हूं, टैलेंट की भी देवी कह सकता हूं। पोस्ट लिखना भी एक टैलेंट है, तो बेसिकली मैं कहूंगा कि मुझे भी उनकी पूजा करनी चाहिए। तो बेसिकली, आप पहले मुझे मां मातंगी के बारे में बताइए, कौन हैं ये देवी? इनकी शुरुआत कैसे हुई है? कहां से इनका प्राकट्य हुआ?
मां मातंगी कौन हैं ?
मां मातंगी तांत्रिक सरस्वती हैं।
और ये सरस्वती मां का जो, जिसको हम कहते हैं तांत्रिक फॉर्म है। ऑकल्ट की देवी हैं, लर्निंग की देवी हैं, स्पीच की देवी हैं, कम्युनिकेशन, एकेडेमिक्स, ऑकल्ट, एस्ट्रोलॉजी, डीपर साइंसेज, मैजिक, ओके, तंत्र। इसका जितना भी विजडम है, मां सरस्वती की जितनी भी लर्निंग्स हैं, वह आउटसाइड फोकस्ड है।
हमारी स्पीच, हमारी वाणी, हमारा बोलना, हमारा लिखना, पढ़ना। यह इनवर्ड फोकस्ड है। तो बाहर नॉलेज है, अंदर विजडम है। तो ये कहती हैं कि आप अपने सोल को टैप कीजिए, अपनी आत्मा को टैप कीजिए, अपने हायर सेल्फ के साथ मेडिटेशन में जाइए। तो यह बहुत मेडिटेटिव फॉर्म है मां का। और इनका कलर जो है, वह ग्रीन है एंड कपड़े इन्होंने रेड पहने हुए हैं।
मां मातंगी का प्राकट्य और स्वरूप
इनका जो पूरी काया है, वह एमरल्ड ग्रीन है। इनके पास एक पैरेट होता है। और इनका जो प्राकट्य है, वो कहते हैं इनको उच्छिष्ट चांडालिनी भी कहा जाता है।
ऐसा कहते हैं कि लॉर्ड शिवा और माता पार्वती जब एक बार खाना खा रहे थे और उन खानों में से कुछ थोड़ा जो खाना है, वो बच गया और नीचे गिर गया। उस नीचे गिरे हुए जो खाने से जो जन्म हुआ, वो इनका हुआ।
अच्छा, मतलब जो उनकी थाली से बाहर गिरा खाना, उससे मां मातंगी प्रकट हुईं।
मातंगी हैं, प्रकट हुईं। ऐसा कहते हैं कि वह मां पार्वती का उनके फादर के ऊपर एक वरदान था, एक विश थी जो उन्होंने उनको ग्रांट करी। ऋषि मातंग थे उनके फादर और उनकी बेटी हुईं मातंगी।
समाज में उपेक्षितों की देवी
अब क्योंकि वह आउटकास्ट फूड से जन्मीं, तो ऐसा भी कहते हैं कि शी इज द गॉडेस ऑफ द आउटकास्ट। जो शेड्यूल कास्ट होते हैं, या मैं यहां पे शेड्यूल कास्ट को कास्ट सिस्टम में नहीं गिनूंगी, मैं कहूंगी कि अगर आपको शेड्यूल कास्ट फील होता है अपने घर में, या अपने ऑफिस में, या अपनी सोसाइटी में, समाज में, अपने इन-लॉज के घर में, जहां भी आपको एज एन आउटसाइडर देखा जाता है या आपको एज एन आउटसाइडर फील होता है
तो यह वो देवी हैं जिनको आपको प्रसन्न करना है। क्योंकि ये आपकी फीलिंग को एकदम समझ सकती हैं और आपको बहुत कॉन्फिडेंस देती हैं स्पीच का, अपने लिए एक स्टैंड लेने का, खड़े होने का। तो जितने भी लोगों को बड़ा विक्टिमाइज्ड फील होता है, एब्यूज में रहते हैं या उनको लगता है कि हमें छोटी नजर से देखा जा रहा है, यह उनकी देवी है।
किन्हें करनी चाहिए मां मातंगी की साधना ?
ओके। ये जितने भी ऑकल्ट हैं, एस्ट्रोलॉजर्स हैं, हीलर्स हैं, कोचेस हैं, साइकिक्स हैं, मीडियम हैं, बनना चाहते हैं, इंट्यूशन स्ट्रांग करना चाहते हैं, ऐसे ज्ञान का कोष पाना चाहते हैं जो इजीली अवेलेबल नहीं है।
देखिए, कहते हैं कि ये सिद्धियां तो ऊपर से आती हैं या आप लोगों ने बहुत तंत्र-मंत्र किया होगा या साधना करी होगी पिछले जन्मों में, तब जाकर आपको ये स्थिति प्राप्त होगी।
यह कहीं पर लिखी नहीं हुई, इसकी बुक आप सीबीएसई या एनसीआरटी से खरीद के पढ़ नहीं सकते, कोई कोर्स नहीं है। तो इनको आप साधें।
मैं कहूंगी कि ना सिर्फ इन नवों में, पर अगर आप लाइट वर्कर हैं, एंपैथ, प्योर नॉलेज चाहिए, आपको आकाशिक रिकॉर्ड्स की नॉलेज चाहिए, पास्ट लाइव्स की नॉलेज चाहिए, किसी भी तरीके की यूनिवर्स की नॉलेज चाहिए, आपको इनको साधना चाहिए।
अगर हायर नॉलेज चाहिए, हायर नोट पर आपको जाकर कुछ सीखना है, कुछ अपने आप को टैलेंटेड बनाना है, तो आपको पूजा करनी चाहिए।
मां मातंगी की पूजा विधि
अच्छा, मां सरस्वती का आपने कहा कि यह तांत्रिक फॉर्म है। मां सरस्वती टैलेंट देती हैं, मां सरस्वती विजडम की गॉडेस हैं। और ऐसे में अगर मैं देखूं, जो लोग म्यूजिशियंस हैं, खासतौर पर जो लोग मां सरस्वती से रिलेटेड जो काम कर रहे हैं या उसमें परफेक्शन चाहते हैं, उन सब लोगों को पूजा करनी चाहिए। लेकिन आपने कहा ये तांत्रिक देवी हैं, तो जहां फॉर्म आ जाती है ना, बात आ जाती है तांत्रिक देवी हैं, तो कुछ खास तरीके भी होते हैं फिर उनकी पूजा के लिए। कौन से खास तरीके हैं जिससे मां मातंगी की पूजा करेंगे, तो बहुत जल्दी आपको वो कनेक्टिविटी बन जाएगी आपकी उनके साथ?
मातंगी महाविद्या साधना पूजा की सामग्री और मंत्र
बिल्कुल। मूंगे की माला लें और मूंगे की माला को आप इस नवरात्रि में सिद्ध कर सकते हैं। आपको वेस्ट की तरफ डायरेक्शन में बैठना है और कदंब के फूल से इनकी पूजा होती है, घी का दिया जला के होती है। और आप मां को बताएं कि आपको किस चीज में सिद्धि चाहिए।
सपोज आपको आकाशिक रिकॉर्ड्स पढ़ने हैं, सपोज आप म्यूजिशियन हैं या आपको किसी पर्टिकुलर इंस्ट्रूमेंट को साधना है, आपको वायलिन, तबला, गिटार, हारमोनियम, यह तो हो गए म्यूजिक के। अगर आपको किसी टाइप की नॉलेज चाहिए .
आप कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में बैठ रहे हैं या आपको अपने बच्चों को वो करना है, तो आप एक पेन को साध सकते हैं, आप उनकी किताबें वहां पर रख सकते हैं उस टाइम के लिए, नवरात्रों के टाइम।
जिस भी फील्ड में आपको परफेक्शन चाहिए, कृपा चाहिए, उस चीज को, उसके उससे जुड़े इंस्ट्रूमेंट को आप वहां पर लेकर आइए।
आप वहां पर लेकर आइए और वहां पर आप रखिए और सब दिन उनका दिया जलाएं और उनका जो बीज मंत्र है, उनका जो मंत्र आप करेंगे, वह मंत्र जरूरी है कि आप या तो 10,000 बार करें या हजार बार करें या 100 बार करें, लेकिन नवरात्रों के टाइम पर ही करें। और वह मंत्र है:
। मैंने यहां स्क्रीन पर भी चला दिया है। एज ऑलवेज, हमें शुरू कहां से करना है? गणेश वंदना से करना है। उसके बाद इनके जो भैरव हैं, वह मातंग शिव हैं। और मातंग शिव का भी जो मंत्र है, आप सिंपली ओम नमः शिवाय भी कर सकते हैं।
आप एक बार कह दें कि मैं मातंग शिव से ले रही हूं कि मैं मातंगी को साधना चाहूंगी और फिर शुरू कर दें। रुद्राक्ष की माला पर ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय 108 बार करने के बाद आप मूंगे की माला ले लें, मां मातंगी का मंत्र करें।
और यह सारी मालाएं देखिए, अलग-अलग पाउच में जरूर होनी चाहिए, माला कभी गिरनी नहीं चाहिए। और आप इनको जो भी प्रसाद चढ़ाएं, वो ग्रीन कलर का हो या रेड कलर का हो। इनका नाइंथ डे होता है।
शी इज द नाइंथ महाविद्या। तो नाइंथ डे पर अगर आप इनको एक ग्रीन साड़ी चढ़ा सकते हैं या रेड साड़ी या ग्रीन एंड रेड साड़ी मिक्स करके चढ़ा सकते हैं।
अगर आप ऐसी जगह जाते हैं जहां पर इनका टेंपल है, जैसे शृंगेरी में भी इनका टेंपल है, लेकिन अगर आप ऐसी जगह नहीं रहते जहां इनका डायरेक्ट टेंपल है, आप किसी भी टेंपल में मां को दे सकते हैं, नहीं तो आप इनको चढ़ा के किसी ब्राह्मण की वाइफ को दे सकते हैं।
मां मातंगी और सूर्य ग्रह का संबंध
अच्छा, प्लैनेट के अगर सिस्टम पर मैं जाऊं, तो आपने पहले के भी कई पोस्ट में मुझे बताया है कि जो हर महाविद्या है, वो किसी ना किसी प्लैनेट से जुड़ी हुई है। और आपको अगर उस पर्टिकुलर प्लैनेट को ठीक करना है, तो आप इन महाविद्या की पूजा कर सकते हैं। मां मातंगी से कौन सा प्लैनेट जुड़ा हुआ है?
मां मातंगी से सन जुड़ा है, सूर्य। और सूर्य से बड़ा… ग्रहों के राजा हैं।
नहीं, वो ग्रहों का राजा है। तो आप ये सोचिए कि इनकी कितनी पावर होगी कि इनका जो आधिपत्य है, वो सूर्य पर है। और अगर आप इनकी पूजा शाम को नहीं कर सकते और अगर करें भी, तो भी आपको सुबह जो है सूर्य को अर्घ्य देना ही देना है।
ओके। तो जो लोग मां मातंगी को साधते हैं, वो सूर्य को अर्घ्य जरूर देंगे।
वैसे भी आई थिंक हमें आदत बना ही लेनी चाहिए सूर्य को अर्घ्य देने की।
पक्की हो जानी चाहिए जिंदगी में। स्पेशली जो मेरे फ्रेंड्स हैं, जो इस फील्ड में हैं, जो और हायर नॉलेज चाहते हैं, उनको सूर्य को इसलिए भी अर्घ्य देना चाहिए क्योंकि उनकी लाइफ में सेल्फ-डिसिप्लिन आए। जैसे सूर्य देखिए, कितने डिसिप्लिन से रोज उठते हैं और उसी समय आते हैं।
हमें सनराइज और सनसेट का टाइम पता होता है। सो सन रिप्रेजेंट्स ब्रिलियंस, इट रिप्रेजेंट्स डिसिप्लिन, इट रिप्रेजेंट्स होप। सन कभी नहीं कहता, ‘आज मैं सैड हूं, आज मैं कम चमकूंगा।’ नहीं, वो तो बादल उनके सामने आ जाते हैं, वो तो उतने ही तेज से चमक रहे हैं।
सो ही रिप्रेजेंट्स इटरनल होप। मां मातंगी आल्सो रिप्रेजेंट्स इटरनल होप। अगर आपकी लाइफ में आपको लगता है कि आप कहीं आउटकास्ट हैं, आप ग्रीफ में हैं, आप डिप्रेशन में हैं, आपको लग रहा है कि शायद आप में टैलेंट पूरा नहीं है या टैलेंट होते हुए भी आपकी इज्जत पूरी नहीं है, बिल्कुल जैसा फील हो रहा है, तो मां मातंगी इज द गॉडेस टू प्रे टू।
कैसे जानें कि मां मातंगी की कृपा मिल रही है?
अच्छा, एक चीज और भी मैं यहां पर समझूंगा आपसे कि मां मातंगी की कृपा अगर किसी को मिल रही है, जैसे आपने अभी एक तरीका बताया कि नवरात्र में आप एक खास इंस्ट्रूमेंट जिसमें भी आपको अपना परफेक्शन चाहिए, आप उसमें पूजा करिए, क्या माता की कृपा जब मिलने लगती है मातंगी की, तो कुछ खास तरीके के इंसिडेंट आपकी लाइफ में होने लगते हैं?
जी बिल्कुल, बहुत ही अच्छा प्रश्न है। सबसे पहले तो आपको चैनलिंग होने लगेगी। चैनलिंग का मतलब, आप आपको एक आवाज अपने दिमाग में आएगी कि आप इसको ऐसा करिए, जिसे मन की आवाज कहते हैं।
हां, मन की आवाज, हायर कॉन्शसनेस।
बिल्कुल, स्पिरिट गाइड्स, मां मातंगी, कुछ भी कह सकते हैं। आपको यह लगेगा कि हां, अब मुझे ये ऐसे नहीं, ऐसे करना है। आपको गाइडेंस आती रहेगी अपने आप, आपको भी नहीं पता कि कैसे।
तो जो चीजों को आप शायद एक साल से ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं, किसी सुर को, ताल को, लय को या किताब पढ़ते-पढ़ते बहुत लोगों को नींद आ जाती है। आपको पता है तुषार, स्पिरिचुअल बुक्स जब लोग पढ़ते हैं, तो उनको लगता है… ओ, कई लोग सो भी जाते हैं ।
क्योंकि हम, वो जो ज्ञान आ रहा है, वो हमारे अंदर एब्जॉर्ब ही नहीं हो पा रहा। हमारे में और उसमें वाइब्रेशन का फर्क है। इसमें मैं यह बताना चाहूंगी कि जो हमारा कामाख्या पर पोस्ट था, बहुत लोगों ने मुझे कहा कि हम, हमें चार या पांच अटेम्प्ट्स के बाद ही हम पूरा पढ़ पाए।
क्यों? क्योंकि किसी को लगा कि मेरे सर में दर्द हो गई है, किसी को लगा कि मुझे नींद आ गई है, किसी को लगा कि मुझे समझ में नहीं आया, उनको तीसरी या चौथी बार समझ में आया।
इसका क्या मतलब है? कि आपकी वाइब्रेशन है और किसी बुक की या पोस्ट की जो वाइब्रेशन है, अगर वो मैच ना करे, तो आप एंड तक पढ़ नहीं सकते। वो जो नॉलेज निकल के आ रही है, वह आपके साथ मैच ही नहीं कर रही है।
ॐ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहाज्ञान और सरलता का अनुभव
तो मां मातंगी को आप प्रे करें। कई लोग ना फॉरेन लैंग्वेजेस सीख रहे होते हैं, जर्मन, स्पैनिश, फ्रेंच जी, और सीख ही नहीं पा रहे होते। संस्कृत। और वो कहते रहते हैं कि ठीक से नहीं आ रहा।
एस्ट्रोलॉजी सीखने की कोशिश कर रहे हैं पर योग याद नहीं रह रहे, कारक याद नहीं रह रहा। तो इसमें आप मां मातंगी को प्रे करें कि आपकी लर्निंग को आसान कर दे। आपके अंदर एक ऐसी विजडम आ जाएगी, आपने कहा क्या साइंस हैं? ईज आ जाएगा, आराम आ जाएगा।
आपको वही काम करने में नए आइडियाज आएंगे, आपके अंदर उत्साह भर जाएगा, आपको किसी के सामने हिचकिचाहट नहीं होगी, आप कॉन्फिडेंस से बोल सकेंगे।
अगर ये सन को रूल करती हैं, तो सन कॉन्फिडेंस का कारक है, हमारे सोलर प्लेक्सस चक्र का कारक है। सोलर प्लेक्सस इज अबाउट पावर। ओके। तो जब आपके अंदर कॉन्फिडेंस और पावर आने लगे, समझ जाइए कि मां मातंगी आप पर, उनकी कृपा आप पर हो गई है।
मां सरस्वती और मां मातंगी की पूजा में अंतर
तो जो लोग स्पिरिचुअल पाथ पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं, मुझे लगता है कि उन लोगों को तो मां मातंगी से सबसे पहले जुड़ जाना चाहिए।
लोग मां सरस्वती से भी बहुत जुड़े हुए हैं, वाग् सिद्धि के लिए भी जुड़े हुए हैं। और मां मातंगी आपको बिल्कुल इन्हीं इंटेंस ऑकल्ट की एनर्जी की तरफ लेके जा सकती हैं।
जितने भी लोग तांत्रिक हैं, जो भी हीलर्स बनना चाह रहे हैं, वो मातंगी से जुड़ें और मातंगी मां की कृपा अगर मिली, तो हायर नोट पर वो ऑकल्ट की प्रैक्टिस कर पाएंगे, मंत्र सिद्धि के लिए कर पाएंगे। सपोज वो अपने हाथों से किसी को मंत्र लिख के देते हैं, तो वो मंत्र उस इंसान को काम कर जाएगा।
अगर आप कोई दवाई बनाते हैं, जैसे मैं बैच फ्लॉवर बनाती हूं, तो मैं मां मातंगी को ही याद करके बनाती हूं। तो जो ड्रॉप्स उसके अंदर जा रहे हैं, वो सिद्ध ड्रॉप्स हैं।
जब दवाई मेरा स्टाफ बनाता है या जब दवाई मैं बनाती हूं या मेरे क्लाइंट्स बनाते हैं, इन तीनों में बहुत फर्क है। तो मां मातंगी को आप ऑकल्ट के किसी भी काम में यूज कर सकते हैं और उनकी पावर्स को यूज कर सकते हैं ताकि वो आपको इजी कर दे, आपके लिए यह पाथ खोल दें।
जन्मजात प्रतिभा और पिछले जन्म के कर्म
तो तुषार, स्पिरिचुअल पाथ को हम चूज नहीं करते, स्पिरिचुअल पाथ हमको चूज करता है। और यह डिपेंड करता है कि आप अपने पूर्व जन्म से क्या कोष लेकर आए हैं।
हो सकता है पूर्व जन्म में आप बस कुछ बनने ही वाले थे और आपकी मृत्यु हो गई। या आपको इतनी नॉलेज आ गई पर आप उसको इंप्लीमेंट ही नहीं कर सके किसी भी कारणवश, ठीक है?
लेकिन इस जन्म में जब आप आओगे और आप मां मातंगी के साथ जुड़ोगे, तो आपको सबसे पहले यह पता चलेगा कि आप वहां कहां छोड़ के आए। कैसे? आपको सडनली एक विद्या आ जाएगी जो लोगों को साल लगेंगे समझने में, आपके सामने वो नंबर्स बोलेंगे, चार्ट बोलेगा, आपके सामने एक इंट्यूशन लाई जाएगी
। क्लाइंट आपके सामने बैठा है, आपके सामने एक इमेज आ जाएगी कि इन दोनों की कल लड़ाई हुई थी, यह डेंजर में है। क्लाइंट ने आपको कुछ भी नहीं बोला, पर ये जो सामने पिक्चर आ गई, यह बताती है कि आपने पिछले जन्म में अपनी दिव्य दृष्टि को खोलने की कोशिश की थी जो इस जन्म में आपको खुली है।
आपकी, आपको उसका फल मिल गया या मिलने वाला है और आपको मां मातंगी से जुड़ना है। तो ऐसे लोग तो या तो 10 महाविद्या की वर्कशॉप करें या इन्हीं 10 दिनों में मां मातंगी को जरूर साधें।
अच्छा, जो लोग कहते हैं कि यह बॉर्न टैलेंट है, जैसे कहते हैं कि अरे, ये बच्चा तो बचपन से बहुत अच्छा सिंगर है। या ये कुछ अलग तरह की सुपर नेचुरल ताकतें किसी को मिलती हैं। ये आपने जो अभी कहा कि पिछले जन्मों में आपने उसकी प्रैक्टिस की थी, उस जन्म में आपको रिजल्ट नहीं मिल पाया और इस जन्म में आपको रिजल्ट मिल रहा है।
बिल्कुल, बिल्कुल सही कहा आपने। और कुछ ऐसे भी तो लोग हैं जिन्होंने पिछले जन्म में बहुत कुछ किया और इस जन्म में वो एक्टिवेट ही नहीं हुआ। उनके अंदर एक चाह ही रह जाती है, एक-एक इच्छा ही रह जाती है और उनको लगता रहता है कि मुझे ये करना है पर टाइम ही नहीं मिलता।
लेट्स से कथक, लेट्स से सिंगिंग, लेट्स से एस्ट्रोलॉजी, उनको कुछ तो खिंचाव आता है। ऐसे लोगों को इन नौ दिनों में मां मातंगी को जरूर साधना चाहिए क्योंकि वो उसके बाद आपको क्लियर कर देंगी कि आपका रास्ता क्या है।
आपने कहा कि यह मां सरस्वती का तांत्रिक फॉर्म है, तो मां सरस्वती की पूजा करना और मां मातंगी की पूजा करना में अंतर कितना है?
मां मातंगी की पूजा जो एक्सीलरेटेड फॉर्म है, आपके नीचे स्केट्स लग गए हैं। अब आप बिल्कुल तेजी से भाग सकते हैं। लेकिन इसमें यह भी एक जरूरी है कि हमें केयरफुल रहना है क्योंकि एनर्जी हाई है।
मतलब एक छोटी-सी तार है जिसमें से थोड़ा करंट लग सकता है और एक बहुत बड़ी तार है। तो बहुत बड़ी तार आपको जल्दी तो करा देगी, लेकिन आपको जुड़ना होगा। बहुत लोग 10 महाविद्या से डर जाते हैं, उनको लगता है बड़े उग्र फॉर्म हैं, क्या हो जाएगा?
जी, जब तक आप कुछ बहुत गलत ना करें, तो कुछ भी नहीं होगा। तो अपने मन का भाव साफ रखिए, एक बच्चे की तरह मां को अप्रोच कीजिए।
आपको फीलिंग खुद ही आ जाएगी। हो ही नहीं सकता कि आप ये पोस्ट पढ़ रहे हैं जब तक आप इस सब्जेक्ट के साथ पिछले जन्म में नहीं जुड़े हैं। हो ही नहीं सकता। अगर आप यह पोस्ट पढ़ रहे हैं, इसका मतलब आप पिछले जन्म में या तो हीलर थे, ऑकल्टिस्ट थे, मीडियम थे, साइकिक थे, कुछ तो थे, आकाशिक रिकॉर्ड रीडर थे, कीपर थे, पिरामिड्स के साथ आपका जुड़ाव रह चुका है।
इस जर्नी को आपको जरूर फिर आगे पर्स्यू करना है। और यह नवरात्रों का टाइम बहुत पावरफुल टाइम है इस जर्नी के ऊपर लाइट डालने के लिए, इसको, इसको, इसके आगे से पर्दा हटाने के लिए। तो मां मातंगी इज द परफेक्ट चॉइस फॉर दैट।
क्या सफल लोग तंत्र की सहायता लेते हैं?
मां मातंगी की पूजा कौन लोग करें, यह तो आपने बताया। लेकिन कुछ ऐसी फैमिलीज होती हैं, जैसे क्योंकि मां मातंगी की हम बात कर रहे हैं, तो मैं ये बात कर रहा हूं जहां पर पीढ़ी दर पीढ़ी आप देखेंगे, तो सब एक ही लाइन में हैं। जैसे म्यूजिशियन है कोई, उसके सिंगर है उसका, तो वो भी सिंगर है। चेन में चली आती है। क्या वो मां मातंगी से हो रहा है?
बिल्कुल। जो उनका जुड़ाव है और जो उनकी उन्नति है। चलो जुड़ाव तो हो गया, उसके बाद उनकी प्रोग्रेस, उनकी उन्नति। तो कहीं ना कहीं या वो मां मातंगी को बहुत मानते हैं। यहां पर मैं आपको यह कहना चाहूंगी कि लोग प्रिटेंड करते हैं कि वे यह सब नहीं करते। तंत्र सब सक्सेसफुल लोग करते हैं।
ओके। जितने भी लोग किसी… आपके तो बड़े हाई-प्रोफाइल क्लाइंट्स हैं, तो आप नाम तो मत लीजिएगा, लेकिन आप क्या इस बात को कह सकते हैं कि बड़े-बड़े लोग जो बड़े-बड़े पदों पर होते हैं, वो भले ही बाहर जाकर शो ऑफ करते हैं कि नहीं ये सब उनकी खुद की प्रैक्टिस की वजह से है, बट वो कहीं ना कहीं तंत्र हेल्प लेते हैं?
बिल्कुल लेते हैं। मेरे से हेल्प लेते हैं। मेरे से पूजाएं कराते हैं। मेरे पुलिस और बिल्कुल पॉलिटिशियंस, बॉलीवुड के लोग आते हैं, सिंगर्स आते हैं, सिंगर्स की वाइफ्स आती हैं, एथलीट्स आते हैं, जो लोग बहुत इंटरनेशनल लेवल पर खेलने जाते हैं, वो आते हैं हरियाणा से। तो वो सब, वो, हां, वो सब तंत्र की हेल्प लेते हैं। बिल्कुल सब तंत्र की। बिजनेसमैन लेते हैं।
ओके। बिजनेसमैन लेते हैं। कुछ ऐसे लोग आते हैं जो प्रिजन में जा चुके हैं, जेल जा चुके हैं, उनको अपनी लाइफ में आगे कोई कुछ करना है। बहुत सारे तरह के लोग आते हैं और सब तंत्र की हेल्प लेते हैं। लोग कहते हैं सिर्फ कि वे हो, ये नहीं, वो नहीं। लेकिन तंत्र एक सटीक तरीका है किसी चीज को सिद्ध करने का। और जब तक आपकी इंटेंशन अच्छी है, तंत्र को यूज करना गलत नहीं है।
निष्कर्ष
चलिए, बहुत अच्छा लगा मुझे आज के इस पोस्ट में आपसे बात करके कि मां मातंगी पर हमने बात की और क्योंकि पोस्ट लिखना और इस फील्ड में आगे बढ़ना, यह भी कहीं ना कहीं मां मातंगी की कृपा बहुत जरूरी है। तो मुझे लगता है मुझ पर और आप पर, दोनों पर मां मातंगी की कृपा बनी रहनी चाहिए। आज के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
थैंक यू।