भूत डामर  क्रोध भैरव मंत्र और साधना (Bhoot Damar Tantra Krodh Bhairav Mantra Aur Sadhana)

 

भूत डामर तंत्र क्रोध भैरव मंत्र और साधना: एक परिचय

भूत डामर तंत्र क्रोध भैरव मंत्र Bhoot Damar Krodh Bhairav mantra
भूत डामर तंत्र क्रोध भैरव मंत्र Bhoot Damar Krodh Bhairav mantra

भूत डामर तंत्र क्रोध भैरव मंत्र Bhoot Damar Krodh Bhairav mantra अरे वाह पाठक दोस्तों, जब हम तंत्र या साधना की बात करते हैं, तो हमारे मन में कई तरह के सवाल आते हैं, है ना? कुछ लोग इसे बहुत ख़तरनाक मानते हैं, तो कुछ लोग इसे एक खास किस्म की शक्ति पाने का रास्ता समझते हैं। आज हम एक ऐसे ही टॉपिक पर बात करने वाले हैं – भूत डामर तंत्र क्रोध भैरव मंत्र और साधना

जनाब, यह कोई मामूली विषय नहीं है। यह उन साधकों के लिए है जो सच में स्पिरिचुअल वर्ल्ड में बहुत गहराई तक जाना चाहते हैं। यह साधना बहुत पावरफुल और कॉम्प्लिकेटेड है। हम इस लेख में आपको इस साधना से जुड़ी सारी जरूरी जानकारी देंगे, लेकिन याद रखना, यह सिर्फ जानकारी है। किसी भी तरह का प्रैक्टिकल काम बिना एक सही गुरु के करना बहुत रिस्की हो सकता है। तो, चलो शुरू करते हैं, क्या कहते हो?

 

भूत डामर तंत्र क्या है ? (What is Bhoot Damar Tantra?)

 

भूत डामर तंत्र क्रोध भैरव मंत्र Bhoot Damar Krodh Bhairav mantra भई, सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि भूत डामर तंत्र क्या है। देखो, ‘भूत’ का मतलब सिर्फ वो नहीं होता जो हॉरर मूवीज में दिखाया जाता है। तंत्र में, भूत का मतलब होता है पंचमहाभूत – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। इन सभी एलिमेंट्स को कंट्रोल करने की कला ही भूत डामर तंत्र है। ‘डामर’ का मतलब है कंट्रोल करना या अपने अधीन करना। तो, इसका सीधा मतलब है इन पंचतत्वों और उनसे जुड़ी अदृश्य शक्तियों को अपनी साधना के जरिए कंट्रोल करना।

तुम देखो ना, यह एक बहुत ही सीक्रेट और पावरफुल साधना मानी जाती है। इसका मकसद होता है कि साधक खुद को इतना मजबूत बना ले कि कोई भी नेगेटिव एनर्जी उस पर असर न कर सके। अरे देखो, इस साधना में मन और शरीर दोनों का बहुत ज्यादा प्योर होना जरूरी है। बिना प्योरिटी के, यह साधना कामयाब नहीं हो ही नहीं सकती।

क्रोध भैरव: शक्ति और प्रतीक ( Krodh Bhairav: Power and Symbol )

 

भूत डामर तंत्र क्रोध भैरव मंत्र Bhoot Damar Krodh Bhairav mantra अच्छा तो, अब बात करते हैं क्रोध भैरव की। भैरव जी भगवान शिव का एक रूप हैं। उनका रूप थोड़ा डरावना लग सकता है, लेकिन सच बताऊँ, यह उनका गुस्सा नहीं है। यह उनकी प्रोटेक्टिव एनर्जी है जो हर तरह के डर, नेगेटिविटी और बुराई को खत्म करती है। उनका क्रोध इस बात का प्रतीक है कि वह अपने भक्तों को हर तरह की बुरी शक्तियों से बचाते हैं।

जरा सोचो, वह अपनी ही एनर्जी से हमारे अंदर की बुरी चीजों को दूर कर देते हैं। इसी वजह से उन्हें ‘क्रोध’ भैरव कहा जाता है। वह हर तरह के ईविल को दूर करने वाले देवता हैं। उनका ध्यान करने से मन में एक अलग ही तरह का बल महसूस होता है। हम भी तो यही चाहते हैं कि कोई हमें गलत राह पर न ले जा सके, सही है ना?

विकिपीडिया पर भगवान भैरव के बारे में और जानकारी आप यहाँ पढ़ सकते हैं: Bhairava on Wikipedia

क्रोध भैरव मंत्र की महत्ता (Significance of Krodh Bhairav Mantra)

 

क्रोध भैरव मंत्र इस साधना का सबसे इंपोर्टेंट पार्ट है। यह सिर्फ कुछ शब्दों का एक कलेक्शन नहीं है। यह एक साउंड और एनर्जी है जो भैरव जी की शक्ति से जुड़ी होती है। भाई, इस मंत्र का सही तरीके से जप करने से साधक के अंदर एक अलग ही तरह की पावर आ जाती है। यह पावर उसे हर तरह की मुसीबत से बचाती है।

मान लो, आप किसी ऐसी सिचुएशन में फंस गए हैं जहाँ आपको बहुत डर लग रहा है। अगर आपने इस मंत्र की साधना की है, तो आपका डर अपने आप गायब हो जाएगा। यह मंत्र एक ढाल की तरह काम करता है। क्या बताऊँ, यह हमारे अंदर के मन के डर और बाहर की बुरी शक्तियों, दोनों से हमें बचाता है। लेकिन याद रखना, इसका असर तभी होता है जब आप इसे पूरी श्रद्धा और एक प्रॉपर गाइडेंस के साथ करते हैं। नहीं तो, इसका कोई फायदा नहीं है, मानो जरा।

मंत्र साधना के नियम और सावधानियाँ (Rules and Precautions for Mantra Sadhana)

 

भूत डामर तंत्र क्रोध भैरव मंत्र Bhoot Damar Krodh Bhairav mantra अरे भाई, इस साधना को करने के लिए कुछ बहुत ही स्ट्रिक्ट रूल्स होते हैं। यह साधना बहुत पावरफुल है, इसलिए इसमें जरा सी भी गलती बहुत भारी पड़ सकती है। तो चलिए, कुछ जरूरी नियम और सावधानियाँ जानते हैं:

  1. गुरु की जरूरत: सबसे इम्पोर्टेन्ट रूल है कि आप इस साधना को किसी सच्चे और एक्सपीरियंस्ड गुरु के बिना कभी भी शुरू न करें। गुरु आपको सही रास्ता दिखाएँगे और आपकी हेल्प करेंगे। बिना गुरु के साधना करने से आपको नेगेटिव रिजल्ट्स भी मिल सकते हैं। मुझे तो लगता है कि यही सबसे ज़रूरी पॉइंट है।
  2. सात्विक जीवन: इस साधना के दौरान आपको सात्विक जीवन जीना पड़ता है। मतलब, आपको अपने खाने-पीने और रहने के तरीके को बिलकुल सिंपल रखना होगा। आपको नॉन-वेज या किसी भी तरह के नशे से दूर रहना होगा।
  3. प्योरिटी: शरीर की साफ-सफाई के साथ-साथ मन की प्योरिटी भी बहुत जरूरी है। आपके मन में कोई गलत विचार नहीं आने चाहिए। आपको किसी को नुकसान पहुँचाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो यह साधना काम नहीं करेगी।
  4. सही इंटेंशन: आपकी इंटेंशन (इरादा) बिलकुल प्योर होनी चाहिए। आप सिर्फ अपनी या किसी और की भलाई के लिए ही इस साधना को कर सकते हैं। अगर आप किसी को नुकसान पहुँचाने के लिए इसका यूज़ करेंगे, तो आपको बहुत नेगेटिव रिजल्ट मिल सकता है।
  5. सही जगह और समय: इस साधना को करने के लिए एक शांत और एकांत जगह होनी चाहिए। रात का समय इसके लिए सबसे बेस्ट होता है, क्योंकि उस समय शांति होती है और कोई आपको डिस्टर्ब नहीं करता।
  6. मेंटल स्ट्रेंथ: इस साधना को करने के लिए आपका मन बहुत मजबूत होना चाहिए। अगर आपका मन कमजोर है, तो यह साधना आपके लिए नहीं है। यह आपको मेंटली बीमार भी कर सकती है।
भाई मान लो न, ये सारे नियम इसलिए बनाए गए हैं ताकि आपकी साधना सफल हो और आपको कोई नुकसान न हो।
क्या यह साधना हर किसी के लिए है ? ( Is This Sadhana for Everyone ? )

 

भूत डामर तंत्र क्रोध भैरव मंत्र Bhoot Damar Krodh Bhairav mantra सच कहूँ तो, नहीं। भूत डामर तंत्र क्रोध भैरव मंत्र और साधना हर किसी के लिए नहीं है। यह साधना बहुत ही डीप और कॉम्प्लिकेटेड है। यह सिर्फ उन लोगों के लिए है जो सच में स्पिरिचुअल ग्रोथ चाहते हैं और जिनका मन बहुत स्ट्रॉन्ग है।

तुम समझो, अगर आप सिर्फ अपनी पावर बढ़ाने के लिए या किसी को नुकसान पहुँचाने के लिए यह साधना करेंगे, तो आपको बहुत बड़ा नुकसान होगा। यह साधना आपको सिर्फ तभी फायदा देगी जब आप इसे पूरी श्रद्धा और पॉजिटिव इंटेंशन के साथ करते हैं।

क्या बोलते हो? मानते हो न? तो, इस लेख का पूरा मतलब यही है कि आप इस साधना की पावर को समझें और इसे बिना सोचे-समझे न करें। यह सिर्फ एक जानकारी है, इसे नॉलेज की तरह ही लें, ठीक है न?

इस लेख में हमने आपको भूत डामर तंत्र क्रोध भैरव मंत्र और साधना के बारे में कुछ बेसिक बातें बताई हैं। अगर आप इस तरह के विषयों में और जानना चाहते हैं, तो हमें ज़रूर बताइए। आपकी क्या राय है, क्या कहोगे?

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मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/